बिहार में नेपाल की भारी बारिश के कारण हाहाकार मच गया है. लोगों के घर गंगा में समा जा रहे हैं. हालात इतने खराब हो गए हैं कि, कोसी, गंडक और गंगा नदी में बाढ़ के चलते शहर-कस्बे-गांव हर जगह तबाही देखने को मिल रही है. बता दें कि, 24 घंटे में दरभंगा से लेकर सहरसा जैसे नए इलाकों में बाढ़ का पानी फैल गया है.
वहीं आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि, अब तक 19 जिलों में 12 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. नेपाल में 70 घंटे की बारिश के बाद कोसी-गंडक में इतना पानी छोड़ दिया गया कि तबाही मच गई. अभी हालत यह है कि नदियों के ऊपरी प्रवाह क्षेत्र में पानी घट रहा है, लेकिन निचले इलाकों में हालात बिगड़ते जा रहे हैं. जो तटबंध टूटे हैं, उनका पानी बहकर नए इलाकों में घुस रहा है. उत्तरी बिहार में 24 घंटे के अंदर 4 जिलों में 7 तटबंध टूट चुके हैं. 55 प्रखंडों के 270 गांव पूरी तरह डूबे हुए हैं.
बिहार के मुजफ्फरपुर में बढ़ते नदियों के जलस्तर से गायघाट प्रखंड कटरा प्रखंड और औराई प्रखंड के दर्जनों गांव के लोग प्रभावित है, हालांकि प्रशासनिक स्तर पर बाढ़ प्रभावित इलाकों में नजर रखी जा रही है, ताकि जहां कहीं भी राहत सामग्री, बचाव कार्य की जरूरत हो प्रशासन तैयार है. इसको लेकर प्रशासन अलर्ट पर है.
सरकार ने बताया कि, बाढ़ प्रभावित इलाकों में लगाए गए शिविर, तटबंधों का निरीक्षण और स्थिति का जायेजा अधिकारियों द्वारा जगह जगह भ्रम कर लिया जा रहा है. राहत-बचाव में NDRF-SDRF की 16-16 टीमें हैं. 90 इंजीनियर हैं. सैकड़ों प्रशासनिक अधिकारी हैं. अब तक हजारों लोगों ने बांध जैसे ऊंचे इलाकों पर शरण ले रखी है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने अब तक 2.26 लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा है.