कर्नाटक के बीदर जिले में आयोजित CET परीक्षा के दौरान एक छात्र से उसकी धार्मिक पहचान से जुड़ी वस्तु जनेऊ उतारने को कहे जाने पर विवाद गहराता जा रहा है। यह मामला अब कानूनी कार्रवाई तक पहुंच गया है और कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज हो चुकी है। यह घटना 17 अप्रैल 2025 की है।
यह मामला कर्नाटक के बीदर जिले की है। गुरुवार (17 अप्रैल 2025) को बीदर के साईं स्पूर्ति पीयू कॉलेज में परीक्षा देने पहुंचे छात्र सुचिव्रत कुलकर्णी ने आरोप लगाया कि परीक्षा केंद्र में प्रवेश से पहले उन्हें जनेऊ हटाने के लिए कहा गया। छात्र का कहना है कि उन्होंने इसका विरोध किया, लेकिन उन्हें परीक्षा में शामिल होने नहीं दिया गया। उन्होंने इसे धार्मिक आस्था पर सीधा हमला बताते हुए अपना भविष्य बर्बाद होने की बात कही।
कर्नाटक ब्राह्मण सभा के प्रतिनिधि नटराज भगवत की शिकायत पर स्थानीय पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है, जिसमें भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई धाराएं लगाई गई हैं। धारा 115(2): जानबूझकर चोट पहुंचाना, धारा 299: धार्मिक भावनाएं भड़काना, धारा 351(1): आपराधिक धमकी, धारा 352: अपमानजनक व्यवहार, धारा 3(5): साझा साजिश। शिकायत में आरोप है कि जिला प्रशासन को पहले ही सूचित किया गया था, फिर भी कोई कार्यवाही नहीं की गई।
पुलिस जांच में यह सामने आया है कि तीन छात्रों को परीक्षा से पहले जनेऊ हटाने को कहा गया। इनमें से एक छात्र ने इनकार कर दिया लेकिन फिर भी उसे परीक्षा में बैठने दिया गया, जबकि अन्य दो छात्रों ने परीक्षा देने के लिए जनेऊ उतार दिया।
वहीं, कॉलेज प्रशासन का कहना है कि वे केवल परीक्षा स्थल उपलब्ध कराते हैं और परीक्षा संचालन में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। वहीं परीक्षा आयोजन से जुड़े स्टाफ ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि छात्रों से केवल कलाई की डोरियां हटाने को कहा गया था, जो नियमित सुरक्षा प्रक्रिया का हिस्सा है।
बीजेपी ने कांग्रेस पर साधा निशाना
बीजेपी के एमएलसी केशव प्रसाद एस ने कहा, "ये धार्मिक आस्था का मामला है। छात्रों की पहचान के साथ छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जा सकती।" उन्होंने मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग की। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कांग्रेस सरकार पर उत्तर कर्नाटक की उपेक्षा का आरोप लगाया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जवाब में कहा कि बीजेपी के ही शासन में क्षेत्र की हालत बदतर हुई।