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यूपी में बिजली दरों पर योगी सरकार का बड़ा फैसला, इस साल नहीं बढ़ेंगी दरें

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने लगातार पांचवें वर्ष यूपी में बिजली दरों में कोई बदलाव न करने का ऐलान किया है। प्रदेश में बिजली दरें इस साल भी यथावत रहेंगी।

Rajat Mishra
  • Oct 10 2024 11:07PM

इनपुट- रवि शर्मा, लखनऊ

 
यूपी के करोड़ों बिजली ग्राहकों के लिए त्योहारों के मौके पर योगी सरकार ने बड़ी राहत दे दी है। इस साल बिजली की दरें नहीं बढ़ाई जाएंगी। अभी नवरात्र चल रहा है। आने वाले समय में दीपावली और अन्य त्योहारों का सीजन शुरू होने वाला है। ऐसे में बिजली दरें नहीं बढ़ने से त्योहारी सीजन में लोगों को बड़ी राहत मिल गई है। महंगाई से जूझ रहे लोगो को कम से कम बिजली की दरों का झटका नहीं लगा है। 
 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने लगातार पांचवें वर्ष यूपी में बिजली दरों में कोई बदलाव न करने का ऐलान किया है। प्रदेश में बिजली दरें इस साल भी यथावत रहेंगी। उपभोक्ता हित में ऐसा फैसला करने वाला यूपी देश का पहला राज्य है। प्रदेश सरकार ने इस वर्ष 17511 करोड़ रुपये की सब्सिडी की घोषणा की है। विद्युत नियामक आयोग ने पावर कारपोरेशन व बिजली कंपनियों के टेरिफ बढ़ाने के सभी प्रस्तावों को खारिज कर दिया है। बिजली कंपनियों द्वारा 11203 करोड़ रुपये का घाटा दर्शाया गया था। कनेक्शन काटने व जोड़ने के लिए 50 रुपये नहीं लिए जा सकेंगे। वहीं 3 किलोवाट वाले उपभोक्ता भी 3 फेज कनेक्शन ले सकेंगे।
 
विद्युत नियामक आयोग ने लंबे समय से विचाराधीन वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) 2024-25 व ट्रू-अप याचिका को निस्तारित करते हुए गुरुवार को नई बिजली दरों का ऐलान कर दिया। आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय कुमार सिंह ने नई दरों का ऐलान करते हुए कहा कि पांचवीं साल भी उत्तर प्रदेश में बिजली दरों में कोई इजाफा नहीं होगा और दरें यथावत रहेगी। बिजली कंपनियों ने 11203 करोड़ के प्रस्तावित गैप के एवज में बिजली दरों में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव दिया था।
 
स्मार्ट प्रीपेड मीटर के मामले में मैसेज अलर्ट भेजने पर प्रस्तावित रुपया 10 एसएमएस चार्ज को विद्युत नियामक आयोग ने खारिज कर दिया है। स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर कनेक्शन जोड़ने व काटने के लिए 50 रुपये प्रस्तावित शुल्क को नियामक आयोग ने खारिज कर दिया है। बिजली कंपनियों ने जो लगभग 11203 करोड़ का गैप दिखाया था, वह भी खारिज हो गया। बिजली कंपनियों की तरफ से जो कुल एआरआर लगभग एक लाख 1784 करोड़ दिखाया गया था, उसमें भी भारी कटौती की गई है। और 1944 करोड़ इस वर्ष भी सरप्लस निकला है। आयोग ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि स्मार्ट मीटर स्थापना का कोई भी खर्च उपभोक्ताओं पर नहीं डाला जाएगा।
 
अब 3 किलोवाट के उपभोक्ता भी 3-फेज कनेक्शन ले सकते हैं। अभी तक यह सुविधा 5 किलोवाट कनेक्शन वालों को ही मिलती है। इस महत्वपूर्ण फैसले से तीन किलोवाट वाले उपभोक्ताओं को बेहतर बिजली का विकल्प मिल सकेगा। इस वर्ष बिजली दरों का निर्धारण 10.67 प्रतिशत लाइन हानियों के आधार पर किया गया है।
 
अब अधिकांश उपभोक्ता श्रेणियां अपने मौजूदा कनेक्शन से ही इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्ज कर सकेंगी। शहरी परिवहन विभाग के अनुरोध को स्वीकार करते हुए आयोग ने सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों पर सिंगल पार्ट टैरिफ लागू करने की अनुमति दी है।

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