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Delhi Coaching Accident: "राहगीर को पकड़ा, मगर MCD अधिकारी पर क्यों नहीं हुई कार्रवाई?" कोचिंग हादसे पर दिल्ली HC की पुलिस और सरकार को फटकार

Delhi High Court on Coaching Incident: राऊस कोचिंग सेंटर में हुई मौतों पर दिल्ली हाईकोर्ट सख्त। MCD अधिकारी किया गया तलब।

Ravi Rohan
  • Jul 31 2024 3:41PM

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को ओल्ड राजिंदर नगर में पानी से भरी सड़क से गुजरने वाले एक SUV चालक की गिरफ्तारी के संबंध में प्रशासन से सीधा सवाल किया। यह गिरफ्तारी यूपीएससी की एक कोचिंग सेंटर के खिलाफ केस में की गई थी, जहां पिछले सप्ताह बेसमेंट में पानी भर जाने से तीन यूपीएससी के छात्रों की मौत हो गई थी। इस मामले में अब तक गिरफ्तार किए गए 7 लोगों में एक एसयूवी का ड्राइवर भी शामिल है। 

याचिकाकर्ता ट्रस्ट का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता रुद्र विक्रम सिंह ने मुखर्जी नगर और विवेक विहार में हुई आग की घटनाओं का हवाला देते हुए तर्क दिया कि, राजिंदर नगर की घटना एक झकझोर देने वाले पैटर्न का ही हिस्सा है। रुद्र विक्रम सिंह ने उच्च न्यायालय के पिछले आदेश की ओर इशारा किया जिसमें कहा गया था कि, मुखर्जी नगर की आग की घटना के बाद अवैध कोचिंग सेंटरों को बंद करना जरूरी है।

इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड क्यों नहीं हुआ?

हाई कोर्ट ने कहा कि, "पुलिस कहां है? मामले की जांच कौन कर रहा है? वहां आखिर इतना पानी कैसे जमा हो गया?" अदालत ने पूछा कि, "आपने एक राह से गुजरने वाले को गिरफ्तार किया है। महज कार चला रहे एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।" राजिंदर नगर दुर्घटना से संबंधित जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार, दिल्ली नगर निगम (MCD) और अन्य नागरिक अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। उपनियमों के उदारीकरण के बावजूद सदियों पुराने बुनियादी ढांचे को अपग्रेड क्यों नहीं किया गया, राजिंदर नगर की घटना के दौरान बेसमेंट में पानी कैसे घुस गया, इसके लिए प्रशासन से कोर्ट ने स्पष्टीकरण की मांग की।

 

कोर्ट ने टिप्पणी की, "जब आप Byrules को उदार बना रहे थे तो इस सदी में पुरानेइमारतों को अपग्रेड क्यों नहीं किया गया?... आप एक राहगीर के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं, मगर MCD अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।" कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अगुवाई वाली पीठ ने घटना की जिम्मेदारी सौंपने के लिए एमसीडी के निदेशक को तलब किया है। न्यायालय ने एमसीडी की शहरी नियोजन की भी आलोचना की, वहीं "मुफ़्त संस्कृति" की आलोचना करने के साथ सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी की आलोचना की। बुनियादी ढांचे के मुद्दों और सुरक्षा चिंताओं को संबोधित करने में प्रभावी कार्रवाई और जिम्मेदारी की भारी कमी है। कोर्ट ने नागरिक अधिकारियों की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि, "I'm sorry to say but, नागरिक अधिकारी दिवालिया हैं।"


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