एनसीपी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार ने केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि चिंता है कि कहीं मणिपुर जैसी स्थिति महाराष्ट्र में भी न हो जाए. एक सामाजिक एकता सम्मेलन के दौरान शरद पवार ने कहा, ''देश की संसद में मणिपुर की चर्चा हुई.
शरद पवार ने आगे कहा कि, दिल्ली में अलग-अलग धर्म, भाषा वाले मणिपुर के लोग हमसे मिले. उन्होंने इसकी दुखद तस्वीर सुनाई. अब पीढ़ियों से साथ रहने वाले लोग परेशान हैं.'' पूर्व मुख्यमंत्री पवार ने कहा, ''देश में हालात बदलने की जरूरत है. इसके लिए जाति, वर्ण, धर्म सभी को एक साथ मिलकर काम करने की जरूरत है. इसके लिए यह एकता परिषद महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.''
उन्होंने कहा, ''प्रधानमंत्री ने मणिपुर में कदम नहीं रखा...उसी तरह महाराष्ट्र में भी कई जगह दंगे होंगे, ऐसे हालात पैदा हो गए हैं. लेकिन हमारा राज्य प्रगतिशील है. यह छत्रपतियों का राज्य है. यहां कोई दंगा नहीं होगा.''
वहीं शरद पवार के बयान पर अब शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत की भी प्रतिक्रिया सामने आई. उन्होंने कहा कि कुछ लोग जाति और धर्म के आधार पर महाराष्ट्र में मणिपुर जैसे हालात पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. शरद पवार ने जो कुछ कहा है, वह सच है और बीजेपी विधानसभा चुनाव से पहले दंगे फैलाना चाहती है.
वहीं शरद पवार के बयान पर पलटवार करते हुए महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले ने कहा कि शरद पवार चुनाव से पहले दंगा कराने की भाषा बोल रहे हैं, यह ठीक नहीं है. लोग बुद्धिमान हैं. न कभी ऐसी स्थिति थी और न ही कभी होगी कि महाराष्ट्र के लोग दंगे की हद तक जाएंगे. मुझे नहीं पता कि उनके मन में क्या है. मराठा-ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में वो लोग नहीं गए. वो इस मुद्दे पर बोलकर राजनीति कर रहे हैं.''