उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को महाकुंभ के आर्थिक असर और इसके महत्व को लेकर एक बयान दिया है। उन्होंने बताया कि इस साल महाकुंभ में लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था में 2 लाख करोड़ रुपये तक का रेवेन्यू जनरेशन होने का अनुमान है।
सीएम योगी ने कहा कि, महाकुंभ 2019 में राज्य की अर्थव्यवस्था में 1.2 लाख करोड़ रुपये का योगदान दे चुका था। इस साल महाकुंभ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना को देखते हुए, इसका आर्थिक प्रभाव और भी बढ़ सकता है। मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले साल जनवरी से सितंबर तक काशी विश्वनाथ और अयोध्या में 16 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु आए थे।
महाकुंभ का आध्यात्मिक और सामाजिक महत्व
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के आध्यात्मिक और सामाजिक महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक समागम नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और आध्यात्मिक एकता का प्रतीक है। साथ ही, इसे दुनिया के सबसे बड़े अस्थायी शहर के रूप में देखा जा सकता है, जहां एक समय में 50 लाख से एक करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।
सीएम योगी ने महाकुंभ को एक भव्य, दिव्य और डिजिटल रूप से उन्नत समागम बताते हुए कहा कि, यह आयोजन आस्था और आधुनिकता का बेहतरीन संगम है। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से संतों के सहयोग से महाकुंभ की सफलता सुनिश्चित करने की बात की।
महाकुंभ की तैयारियां तेज
महाकुंभ के आयोजन से पहले तैयारियां जोरों पर हैं। इस संबंध में अधिकारियों ने बताया कि संगम के 12 किमी क्षेत्र में स्नान घाट बनाये जा रहे हैं। घाटों की सफाई, निर्माण और सुरक्षा बढ़ाने का काम तेजी से किया जा रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रयागराज दौरे की प्रत्याशा में घाटों पर प्रकाश व्यवस्था भी की जा रही है।
सुरक्षा व्यवस्था और सुविधाएं
महाकुंभ में आने वाली भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के खास इंतजाम किए जा रहे हैं। संगम क्षेत्र की निगरानी के लिए वॉच टावर लगाए जा रहे हैं और सभी घाटों पर वाटर बैरिकेडिंग की व्यवस्था की जा रही है। महाकुंभ की सफलता सुनिश्चित करने के लिए सभी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। जिससे श्रद्धालु सुरक्षित और सुविधाजनक तरीके से इस महाकुंभ का हिस्सा बन सकें।