भारत की राजधानी दिल्ली में मुगलिया निशानियों के बीच अब फ़ारसी कुसंस्कृति की इंट्री हुई है। सुदर्शन न्यूज़ की पड़ताल में यह कुसंस्कृति दिल्ली के प्रसिद्ध तालकटोरा स्टेडियम के तौर पर चिन्हित हुई है। इस फ़ारसी परिपाटी के नामकरण के लिए दिल्ली भाजपा सरकार ने कमर कस ली है। सुदर्शन न्यूज़ को दिए गए एक Exclusive इंटरवियु में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री परवेश वर्मा ने एलान किया है कि जल्द ही तालकटोरा स्टेडियम का नाम बदला जाएगा।इस स्टेडियम रामायणकालीन पहचान मिलेगी जिसे जल्द ही महर्षि वाल्मीकि के नाम से जाना जाएगा।
रविवार (6 अप्रैल 2025) को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडिया में आर्य समाज का 150 वाँ स्थापना दिवस मनाया गया। इस अवसर पर सनातन संस्कृति में आस्था रखने वाले देश भर के कई नामचीन लोगों ने यहाँ आ कर हवन आदि किया। इन्हीं में से एक दिल्ली के उपमुख्यमंत्री परवेश वर्मा भी शामिल थे। धार्मिक क्रियाकलाप संपन्न करवाने के बाद सुदर्शन न्यूज की संवाददाता संगीत झा ने परवेश वर्मा से बात की।
सुदर्शन न्यूज की संवाददाता ने परवेश वर्मा को उनके फरवरी 2025 मे किए गए एक वादे को याद दिलाया । तब परवेश वर्मा ने ऐलान किया था कि वो तालकटोरा स्टेडियम का नाम बदल कर महर्षि वाल्मीकि के नाम पर रखेंगे। संगीता झा ने उपमुख्यमंत्री से पूछा कि तालकटोरा स्टेडियम के नाम बदलने वाले वादे पर वो कब अमल करेंगे। इस सवाल के जवाब मे उन्होंने कहा, "बहुत जल्द"।
आर्य समाज के इस सम्मेलन मे शामिल हुए कई धर्मावलंबियों ने परवेश वर्मा के इस बयान पर खुशी जाहिर की। उन्होंने सुदर्शन न्यूज से बातचीत मे आशा जताई कि अगला हवन वो तालकटोरा नहीं बल्कि महर्षि वाल्मीकि स्टेडियम मे करेंगे। सोशल मीडिया पर भी परवेश वर्मा के इस ऐलान को काफी समर्थन मिल रहा है। लोगों ने भी उम्मीद जताई है कि उपमुख्यमंत्री जल्द ही अपने बयान पर अमल करेंगे।
परवेश वर्मा का यह भी दावा रहा है कि इस जगह को कभी मुगल आक्रांता स्वीमिंग पूल के तौर पर प्रयोग करते थे। बताते चलें कि तालकटोरा स्टेडियम साल 1974 मे बन कर तैयार हुआ था। तब सरकार कांग्रेस की थी। कई लोग इस स्टेडियम का नाम ऐसा रखने की माँग कर रहे थे जिसका जुड़ाव हिन्दू संस्कृति से हो। हालांकि इन तमाम मांगों को दरकिनार करते हुए तब की कथित धर्मनिरपेक्ष सत्ता ने स्टेडियम का नाम फारसी शब्द पर रखा था। ताल मतलब पानी और कटोरा मतलब बर्तन। फारसी शब्द वाले नाम के बदलाव और स्टेडियम के सनातनी संस्कृति से जुड़ाव पर आम जनमानस ने खुशी जताई है।