कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले के खिलाफ पूरे देश में गुस्से की आग भड़क रही है। इसी गुस्से की एक लपट जयपुर के दिल में- जौहरी बाजार स्थित जामा मस्जिद के बाहर फूटी। शुक्रवार (25 अप्रैल 2026) देर रात "पाकिस्तान मुर्दाबाद" और "आतंकवाद मुर्दाबाद" के नारे लगे और पोस्टर चिपकाए गए। लेकिन यह भारत विरोधी मानसिकता रखने वालों को रास नहीं आया। देखते ही देखते मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मस्जिद के बाहर भारी संख्या में जुटकर बवाल शुरू कर दिया।
घटना के बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया, और पुलिस को भारी फोर्स के साथ मौके पर तैनात होना पड़ा। खास बात यह रही कि विरोध का केंद्र बने हवामहल से भाजपा विधायक बालमुकुंदाचार्य, जिनके खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाते हुए जामा मस्जिद कमेटी ने माणक चौक थाने में FIR दर्ज कराई।
शुक्रवार रात सर्व समाज द्वारा बड़ी चौपड़ पर आयोजित सभा के बाद विधायक बालमुकुंदाचार्य ने खुद जामा मस्जिद, फुटपाथ बड़ी चौपड़, रामगंज बाजार और सार्वजनिक शौचालयों पर पाकिस्तान और आतंकवाद विरोधी स्टीकर और पोस्टर लगाए थे।
जब भारत विरोधी ताकतों के खिलाफ आवाज बुलंद की गई, तो जवाब में कुछ पाकिस्तान के हिमायती लोगों ने इसे 'धार्मिक भावना भड़काना' करार देकर FIR दर्ज करा दी। सवाल ये है कि, क्या पाकिस्तान के खिलाफ बोलना अब अपराध हो गया है? क्या आतंकवाद को कोसने पर भी किसी को जेल भेजा जाएगा?