बलरामपुर का नासूर बन चुके धर्मांतरण और बलात्कार के आरोपित छांगुर पीर का एक और संभावित गुनाह सामने आया है। UP एटीएस की कार्रवाई के दायरे में आने के बाद स्थानीय प्रशासन द्वारा संरक्षित छांगुर गैंग की हर दिन नई परतें उधड़ रहीं हैं। यह संभावित गुनाह गैंगरेप की शिकार दलित समुदाय की नाबालिग बच्ची को इस्लाम कबूल करने के दबाव का है। घटनास्थल उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड की सीमा है जो कि मुरादाबाद के थानाक्षेत्र भगतपुर में पड़ता है। पूरे प्रदेश को झकझोर देने वाले इस मामले में मुस्लिम समुदाय के 4 आरोपित गंभीर धाराओं में जेल भेजे जा चुके हैं। माना जा रहा है कि झींगुर नाम से संभावित छांगुर के ही फरमान पर पीड़िता के हाथ में लिखा ॐ तेजाब से जला दिया गया था। मामले में थाना प्रभारी लाइन हाजिर हो चुके हैं जबकि 2 सब इंस्पेक्टर सस्पेंड किए जा चुके हैं। मुस्लिम बहुल गाँव में घटी यह घटना मार्च 2025 की है।
यह घटना मुरादाबाद के थानाक्षेत्र भगतपुर की है। यहाँ उतरौला जैसे ही मुस्लिम बहुल इलाके में रहने वाली एक 14 साल की नाबालिग दलित बच्ची 2 जनवरी 2025 को बाजार जा रही थी। इसी दौरान एक कार से उसका अपहरण कर लिया गया। पीड़िता को बेहोश कर के किसी अज्ञात जगह ले जाया गया था। यहाँ कई लोगों ने बच्ची से लगातार गैंगरेप किया। लड़की के हाथ पर ॐ लिखा था जिसे तेज़ाब से मिटा दिया गया। पीड़िता को गाय का माँस भी खिलाया गया था।
पुलिस की जाँच में आरोपितों के नाम राशिद, जुबैर, आरिफ और सलमान के नाम सामने आए। पीड़िता अनाथ है। उसके माता-पिता का बचपन में ही देहांत हो चुका था। लड़की के चाचा को गाँव में ही मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने पिछली होली में इतना मारा है कि वो चलने-फिरने में सक्षम नहीं हैं। पीड़िता की चाची 2 महीने तक लगातार पुलिस थाने के चक्कर काटती रही। शुरू में महज गुमशुदगी लिख कर पल्ला झाड़ लेने वाली पुलिस ने बजरंग दल के विरोध के बाद आखिरकार 2 मार्च को केस दर्ज किया।
दबिश दे कर पीड़िता को बरामद कर लिया गया। एक इंटरवियु में पीड़िता ने अपने कोर्ट में दर्ज बयान का हवाला देते हुए सनसनीखेज खुलासे किए। पीड़िता ने बताया कि जब उसे कहीं बंधक बना कर रखा गया था तब कोई बूढ़ा सा मौलाना नुमा व्यक्ति उस कमरे में आया था। उसने बच्ची को बदनीयती से छुआ और इस्लाम कबूल कर के अपनी कौम में शामिल होने का दबाव दिया। बच्ची का दावा है कि अपहरण करने वाले आरोपित उस मौलाना को झींगुर बाबा जैसा कोई शब्द कह कर बुला रहे थे।
इसी बीच पीड़िता के परिवार में मार्च 2025 को उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री असीम अरुण पहुँचे थे। उन्होंने पीड़िता के हर गुनहगार को सजा दिलाने का संकल्प लिया था। बच्ची की चाची और घटना की वादी मुकदमा ने तब असीम अरुण को एक शिकायती पत्र दिया था। इस पत्र में उन्होंने बताया था कि उनकी भतीजी से मिलने वाला मौलाना अपने हाथ में कोई 'शिजर ए तैयबा' नाम की किताब ले कर आया था। यह किताब आधी हिंदी-आधी उर्दू में लिखी हुई है। इस किताब को लिखने वाले व्यक्ति की जानकारी सुदर्शन न्यूज जुटा रहा है।
बलरामपुर मे चल रही जाँच मे सामने आ रहा है कि छाँगुर पीर ने अभी हाल ही मे देश के कई हिस्सों मे जमीन की खरीद फरोख्त मामलों मे अपनी दखल दी है। ऐसे मे सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि कहीं अपहरण के बाद बच्ची को उसी की किसी प्रॉपर्टी मे तो नहीं रखा गया था। मामले मे शामिल अधिकतर आरोपितों को मुरादाबाद पुलिस ने अलग-अलग जगहों से दबिश दे कर गिरफ्तार कर लिया है । हालाँकि कई सवालों के जवाब अभी भी मिलना बाकी है।
अब इसमें सबसे बड़ा सवाल यही है कि कहीं कथित झींगुर बाबा ही तो छाँगुर नहीं है। इस सवाल को इस बात से भी बल मिलता है क्योंकि छाँगुर का एक गुनाह पहले भी मुरादाबाद के ही बेलारी थानाक्षेत्र मे सामने आ चुका है। यह मामला भी दलित उत्पीड़न का ही है जहाँ अनुसूचित जाति के एक युवक को जमीन कब्जे का विरोध करने की वजह से धमकाया गया था।
इस खुलासे के बाद से एक दलित हित चिंतक संगठन मुरादाबाद शहर में प्रदर्शन किया था। संगठन ने बच्ची का अपहरण करने वाले गिरोह का ऑपरेटर किताब देने वाले मौलाना को बताया था। मुरादाबाद पुलिस से लड़की के बयान में आए संदिग्ध और शिजर ए तैयबा किताब के लेखक की तत्काल गिरफ्तारी की माँग उठाई गई थी। बजरंग दल भी अब इस मामले में सक्रिय हो गया है। सुदर्शन न्यूज़ से बातचीत के दौरान एक स्थानीय हिन्दू संगठन के पदाधिकारी ने बच्ची और उसके परिवार की सुरक्षा की चिंता जताई है।
इस मामले में लचर एक्शन लेने वाले पूर्व SHO इंस्पेक्टर भगतपुर संजय पांचाल को एसएसपी ने लाइन हाजिर कर दिया है। 2 सब इंस्पेक्टरों को सस्पेंड किया जा चुका है। अब पीड़िता के कोर्ट में दिए बयान और मंत्री असीम अरुण के सख्त एक्शन के निर्देशों की अनदेखी करने वाले पुलिसकर्मियों से हिन्दू संगठन जवाब माँग रहे हैं। उनका यह भी कहना है कि इतने कुख्यात संभावित संदिग्ध का नाम मुरादाबाद जिले में बार-बार आना किसी अनहोनी की आशंका की तरफ इशारा करता है।
इसी के साथ एक बड़ा सवाल यह भी खड़ा होता है कि मुरादाबाद जिला प्रशासन को मंत्री असीम अरुण के आदेश में बार-बार ऐसी कौन सी नकारात्मकता दिखती थी। बेलारी थानाक्षेत्र में लैंड जिहाद के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ एक दलित युवक को धमकी देने और भगतपुर में दलित बच्ची के गैंगरेप केस में। दोनों ही मामलों में मंत्री असीम अरुण के सीधे निर्देश का सरासर उललंघन मुरादाबाद पुलिस द्वारा किया गया। दोनों ही केसों में उनकी बात पर ध्यान भी नहीं दिया गया और निर्देशों को सिरे से ख़ारिज कर दिया गया।