छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले मामले में कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ़्तार कर लिया है। आज रायपुर में पूछताछ के बाद लखमा को हिरासत में लिया गया है।
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय के रायपुर स्थित ऑफिस में तीसरी बार पूछताछ के लिए पहुंचे थे, तब कवासी को इडी ने अरेस्ट कर लिया है। जानकारी के अनुसार शाम तक उन्हें कोर्ट में पेश किया जा सकता है। इससे पहले कवासी लखमा से 2 बार ईडी ने लगभग 8-8 घंटे पूछताछ की थी। वहीं आज ईडी दफ्तर में अंदर घुसने से पहले कवासी लखमा ने कहा था कि पूछताछ के बुलाया गया है। इसलिए आया हूं, हमारा देश कानून के हिसाब चलता है, अगर कानून के हिसाब से बुलाएंगे, तो मैं एक नहीं 25 बार आऊंगा।
सीएम साय की दो टूक
सीएम साय ने मकर संक्रांति पर्व के दौरान कहा था कि छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार घोटालेबाजों को नहीं बख्शेगी. पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान हुए 2 हजार करोड़ रुपये के शराब घोटाले की जांच चल रही है। जांच में जब तत्कालीन उत्पाद मंत्री से सवाल किया गया तो मंत्री ने कहा कि मैं अनपढ़ हूं, अधिकारी ने जहां कहा मैंने हस्ताक्षर कर दिये. इस बयान के जरिए विष्णुदेव साय बिना नाम लिए सीधे कांग्रेस के कोंटा विधायक और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा पर निशाना साधते नजर आए। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में अनपढ़ मंत्री थे।
क्या है शराब घोटाला मामला?
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले की जांच ईडी कर रही है. ईडी ने एसीबी में एफआईआर दर्ज कराई है। दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि 2,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला हुआ है। ईडी ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, उत्पाद विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के अवैध सिंडिकेट के जरिए इस घोटाले को अंजाम दिया गया था।