गणेश जयंती हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से गणेश भक्तों के लिए महत्वपूर्ण होता है, और इस दिन विशेष पूजा और व्रत का आयोजन किया जाता है। गणेश जयंती 2025 में 2 फरवरी को मनाई जाएगी। यह दिन विशेष रूप से भारत के महाराष्ट्र, कर्नाटका, मध्य प्रदेश, गुजरात और तमिलनाडु में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। तो जानिए सही तिथि और पूजा विधि।
गणेश जयंती कब है?
हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल श्री गणेश जयंती यानी माघ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत शनिवार, 1 फरवरी को सुबह 11 बजकर 38 मिनट पर शुरू होगी। इसके साथ ही तिथि का समापन रविवार, 2 फरवरी को सुबह 9 बजकर 14 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, इस साल गणेश जयंती 1 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी।
पूजा विधि
गणेश जयंती की पूजा का महत्व अत्यधिक है, और इसे विधिपूर्वक करना चाहिए। पूजा विधि निम्नलिखित है:
गणेश की प्रतिमा स्थापना: सबसे पहले घर या पूजा स्थल पर गणेश जी की साफ और सुंदर प्रतिमा रखें। प्रतिमा को स्थापित करने से पहले पूजा स्थल को अच्छे से साफ कर लें। गणेश जी की प्रतिमा पर लाल रंग के वस्त्र चढ़ाएं और उन पर फूल, दूर्वा, और मोदक चढ़ाएं।
गणेश मंत्रों का जाप: गणेश जयंती के दिन विशेष रूप से गणेश मंत्रों का जाप करना शुभ होता है। 'ॐ गं गणपतये नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें। यह मंत्र भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए अत्यधिक प्रभावी माना जाता है।
व्रत रखना: जो लोग गणेश जयंती पर व्रत रखना चाहते हैं, वे दिनभर फलाहार कर सकते हैं और व्रत के अंत में भगवान गणेश को मोदक अर्पित कर सकते हैं। यह माना जाता है कि मोदक भगवान गणेश का प्रिय पकवान है।
आरती: पूजा के बाद गणेश जी की आरती अवश्य पढ़ें। गणेश जी की आरती में उनके सभी गुणों का वर्णन होता है और यह मन को शांति प्रदान करती है।
प्रसाद वितरण: पूजा समाप्त होने के बाद भगवान गणेश को चढ़ाए गए प्रसाद को परिवार के सभी सदस्यों में बांटें।