कर्नाटक का बेंगलुरु एक बार फिर कट्टरपंथी मानसिकता की शिकार बना है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने साफ कर दिया है कि कैसे मुस्लिम समाज के कुछ तत्व खुलेआम दूसरों की आज़ादी पर डाका डालने से नहीं चूकते है। वायरल वीडियो में देखा गया कि एक मुस्लिम युवती जब एक हिंदू युवक के साथ पार्क में बैठी थी, तो एक मुस्लिम व्यक्ति बौखला गया। उसकी बौखलाहट इस कदर थी कि वह बार-बार लड़की को हिजाब उतारने के लिए कहने लगा और धमकी देने लगा कि, कुछ और लोग आकर उन्हें सबक सिखाएंगे।
इस मुस्लिम युवक ने लड़की से जबरदस्ती उसके और उसके दोस्त का नाम पूछना शुरू किया, इस्लाम की दुहाई दी और बार-बार चिल्लाता रहा कि "अगर डेट पर जाना है तो बुर्का उतारो!"- यानी साफ तौर पर ये उस मानसिकता का उदाहरण है जो मुस्लिम महिलाओं की आज़ादी, व्यक्तिगत पसंद और सामाजिक स्वतंत्रता से डरती है। युवक की धमकियों से स्पष्ट है कि ये कोई अकेली सोच नहीं बल्कि एक संगठित विचारधारा का हिस्सा है जो खुलेआम पार्कों, सड़कों और स्कूलों तक में घुसकर 'मोरल पुलिसिंग' के नाम पर आतंक फैलाती है।
हालांकि घटना कब और कहां की है, इसका स्पष्ट विवरण अभी सामने नहीं आया है, लेकिन वीडियो में बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर को टैग किया गया है और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। आश्चर्य की बात ये है कि जब एक मुस्लिम लड़की अपनी मर्ज़ी से किसी गैर-मुस्लिम के साथ बैठती है, तो उसे इस्लाम खतरे में दिखने लगता है।
कुछ दिन पहले भी बेंगलुरु के चंद्रा लेआउट में ऐसा ही एक मामला सामने आया था, जहां एक मुस्लिम लड़की को स्कूटर पर जाते देख 4 मुस्लिम युवकों ने बेल्ट लेकर हमला कर दिया था। उस मामले में पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया था। लेकिन ये घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रहीं।
अब सवाल उठता है कि, क्या इस्लाम के नाम पर महिला की स्वतंत्रता को यूं ही कुचलते रहेंगे ये कट्टरपंथी? ऐसे मामलों में सख्त कानूनी कार्रवाई की ज़रूरत है, ताकि कोई भी दोबारा "हिजाब उतारो" जैसी भाषा बोलने की हिम्मत न कर सके।