हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व होता है और प्रत्येक एकादशी के साथ कुछ विशेष व्रत और पूजा विधियां जुड़ी होती हैं। सफला एकादशी का व्रत खासकर सुख, समृद्धि और समग्र शांति की प्राप्ति के लिए किया जाता है। इसे विशेष रूप से गृहस्थ जीवन में सुख-शांति लाने वाला व्रत माना जाता है। तो जानिए सब कुछ।
कब है सफला एकादशी ?
हिंदू पंचांग के अनुसार, सफला एकादशी कल यानी 26 दिसंबर को मनाई जाएगी। बुधवार यानी आज रात 10 बजकर 28 मिनट पर सफला एकादशी की तिथि शुरू होगी। ये तिथी 27 दिसंबर को देर रात 12 बजकर 43 मिनट पर खत्म होगी। हिंदू धर्म में तिथि की गणना सूर्योदय के बाद होती है। ऐसे में 26 दिसंबर को सफला एकादशी मनाई जाएगी। व्रत भी 26 दिसंबर को ही रखा जाएगा।
सफला एकादशी पूजा विधि
सफला एकादशी का व्रत विधिपूर्वक करने के लिए कुछ विशेष पूजा विधियां हैं। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। फिर व्रत का संकल्प लें और पूरे दिन उपवासी रहें, लेकिन पानी का सेवन कर सकते हैं। इस दिन फलाहार किया जाता है। इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा करें। पूजा में तुलसी के पत्तों का महत्व विशेष रूप से होता है, इसलिए भगवान विष्णु के सामने तुलसी के पत्ते रखें।
पूजा के दौरान इन मंत्रों का जाप करें
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" – इस मंत्र का जाप करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
ॐ श्रीविष्णवे नमः" – यह मंत्र भगवान विष्णु की उपासना के लिए बेहद शक्तिशाली माना जाता है।
हे श्री विष्णु, शरणागत वत्सल, कृपया मेरी दरिद्रता और संकटों को दूर करें" – इस मंत्र का जाप विशेष रूप से एकादशी के दिन किया जाता है।