अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में डोनोल्ड ट्रंप को जीत हासिल हुई है. ट्रंप ने बुधवार को अमेरिका की पहली हिंदू सांसद तुलसी गबार्ड को राष्ट्रीय खुफिया विभाग का निदेशक नियुक्त किया. इस दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने तुलसी गबार्ड को गर्वित रिपब्लिकन बताया और कहा कि अपनी निडर स्वभाव को वे खुफिया विभाग में भी लेकर आएंगी. उन्होंने आगे कहा कि कि एक डेमोक्रेट पार्टी से राष्ट्रपति पद की पूर्व उम्मीदवार होने के चलते तुलसी गबार्ड को दोनों पार्टियों में समर्थन मिलता है. मुझे उम्मीद है कि वह हमें गौरवान्वित करेंगी. तुलसी गबार्ड पहले डेमोक्रेट पार्टी में थीं लेकिन बाद में वे रिपब्लिकन पार्टी की अहम सदस्य हैं...
जानकारी के लिए बता दें कि तुलसी अमेरिका की पहली हिंदू महिला सांसद हैं. उन्होंने अक्सर पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार की निंदा की है. बता दें कि गबार्ड अमेरिका में जन्मी थीं. उनकी मां ने हिंदू संस्कृति के अनुसार अपने बच्चों का पालन-पोषण किया. वह एक आजीवन शाकाहारी हैं. दरअसल, कांग्रेस की सदस्य होने की शपथ उन्होंने भगवद गीता पर हाथ रखकर ली. वहीं, हाल ही में बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ उत्पीड़न का मुद्दा वह उठाती रही हैं.
वहीं, 2021 में तुलसी गबार्ड ने बांग्लादेश में बार-बार अत्याचार के बाद हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए अमेरिकी कांग्रेस में एक प्रस्ताव पेश किया. 1971 में अल्पसंख्यक समूह के खिलाफ क्रूरता के लिए उन्होंने पाकिस्तानी सेना पर हमला बोला. जानकारी के लिए बता दें कि अपने प्रस्ताव में उन्होंने उल्लेख किया कि कैसे 50 साल पहले पाकिस्तानी सेना ने बांग्लादेश में हजारों बंगाली हिंदुओं को मार डाला, प्रताड़ित किया और उनके घरों से निकाल दिया. उन्होंने पाकिस्तान की जमीन का आतंकियों की ओर से इस्तेमाल होने का मुद्दा उठाया था.
तुलसी गबार्ड करीब दो दशकों तक अमेरिकी सेना की शाखा नेशनल गार्ड में अपनी सेवाएं दे चुकी हैं. तुलसी गबार्ड इराक और कुवैत में भी तैनात रह चुकी हैं. हालांकि उनके पास खुफिया विभाग में काम करने का कोई अनुभव नहीं है. उन्होंने होमलैंड सिक्योरिटी समिति में भी अपनी सेवाएं दी हैं. वहीं, तुलसी गबार्ड हवाई से साल 2013 से लेकर 2021 तक सांसद रहीं है.