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Guru Purnima 2024: 20 या 21 जुलाई कब मनाई जाएगी गुरु पूर्णिमा...? जानिए गुरु-पूजन का क्या है महत्व

Guru Purnima: गुरु और शिष्य के लिए गुरु पूर्णिमा का दिन बहुत खास होता है। गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा, आषाढी पूर्णिमा और वेदव्यास जयंती भी कहते हैं।

Ravi Rohan
  • Jul 18 2024 7:21PM
हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुरु पूर्णिमा का दिन सांसारिक और आध्यात्मिक दोनों प्रकार का शुभ फल देने वाला होता है। इसी दिन को महर्षि वेदव्यास की जयंती के रुप में मनाया जाता है। इस बार गुरु पूर्णिमा 20 जुलाई को है या 21 जुलाई को, इसको लेकर लोगों के मन मे संशय बना हुआ है। 'गुरु गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पाय, बलिहारी गुरू अपने गोविन्द दियो बताय',  गुरु के बारे में संत कबीर का यह दोहा काफी लोकप्रिय है, जिसमें गुरु को भगवान से भी अधिक महत्व दिया गया है। गुरु पूर्णिमा, गुरु के इसी महत्व को उत्सव की तरह मनाने का अवसर है। 

गुरु दो प्रकार के होते हैं- लोकगुरु, जो हमें स्कूल-कॉलेज मे पढ़ने वाले लौकिक शिक्षक होते हैं, और दुसरें दीक्षा गुरु, जो वेद-शस्त्र के आध्यात्मिक ज्ञान से हमारी दिव्यता को प्रबल बनाते हैं। हमारे जीवन में गुरु के उपकार की सराहना करने के लिए यह पर्व मनाया जाता है। गुरु-शिष्य के लिए गुरु पूर्णिमा का दिन बहुत खास होता है। 

महर्षि वेदव्यास की जयंती

हर वर्ष आषाढ़ माह में गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है। गुरु पूर्णिमा यानी आषाढ़ पूर्णिमा को महाभारत जैसे महाकाव्य की रचना करने वाले महर्षि वेदव्यास की जन्म तिथि है। इसलिए इस पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। कई पुराणों के रचयिता महर्षि वेदव्यास ने ही चारों वेदों का संकलन किया था। गुरु पूर्णिमा के दिन अपने गुरुदेव, भगवान वेदव्यास के अलावा भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है।

सही तारीख

इस साल गुरु पूर्णिमा की तारीख को लेकर लोग कन्फ्यूज हो रहे हैं। कुछ लोग गुरु पूर्णिमा 20 जुलाई को मनाने की बता रहे हैं, तो कुछ लोग 21 जुलाई को मनाने की बात कह रहे हैं। गुरु पूर्णिमा 2024 की तिथि का आरंभ शनिवार यानी 20 जुलाई की शाम 05 बजकर 59 मिनट पर होगा। जबकि इसका समापन रविवार यानी 21 जुलाई की दोपहर 03 बजकर 46 मिनट पर होगा। जिस तिथि में सूर्योदय होता है, उस दिन वह तिथि पूरे दिन मान्य होती है। ऐसे में आषाढ़ पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई रविवार को ही मनाई जाएगी। 

शुभ मुहूर्त

शुभ योगों में सर्वार्थ सिद्धि योग की गणना की जाती है और इस वर्ष गुरु पूर्णिमा के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग का प्रारंभ सुबह 05 बजकर 37 मिनट से होगा, जो देर रात 12:14 तक बना रहेगा। शुभ कार्यों के लिए सर्वार्थ सिद्धि योग एक उत्तम योग है।
 

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