आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर एक बार फिर से विवादों में आ गया है। दरअसल, एक भक्त ने दावा किया है कि, मंदिर में उन्हें परोसे जाने वाले प्रसाद में कीड़े मिले है। हालांकि, अब मंदिर की देखभाल करने वाले ट्रस्ट तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने इस दावे को खारिज कर दिया है।
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, TTD ने शनिवार को माधव निलयम में अन्न प्रसादम में एक कनखजूरा पाए के आरोपों की निंदा की और उन्हें झूठा और निराधार बताया है। मंदिर के तरफ से आहे कहा गया है कि, टीटीडी श्रीवारी दर्शन के लिए आने वाले हजारों भक्तों के लिए गर्म अन्न प्रसादम तैयार करता है। यह भक्त का अविश्वसनीय दावा है।
क्या है पूरा मामला ?
बता दें कि, एक भक्त ने यह दावा किया है कि, मंदिर में उन्हें परोसे जाने वाले प्रसाद में कीड़े मिले है। जिस भक्त ने यह दावा किय उसका नाम चंदू है और वह वारंगल से मंदिर में दर्शन करने आया था। इस दौरान उन्होंने बताया, 'जब मैंने कर्मचारियों के सामने यह मुद्दा उठाया तो उनकी प्रतिक्रिया चौंकाने वाली थी। उन्होंने कहा कि ऐसा कभी-कभी होता है।” उन्होंने कहा, ''मंदिर के अधिकारियों ने दावा किया था कि यह कीट प्रसाद देने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पत्ती से आया होगा.'' उन्होंने आगे कहा कि यह लापरवाही अस्वीकार्य है. अगर बच्चों और अन्य लोगों ने इसे खा लिया होता तो इसका जिम्मेदार कौन होता?”
इस दावे पर TTD का इंकार
वहीं, टीटीडी ने आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने इन आरोपों को बेबुनियाद और झूठा बताया है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मंदिर में हर दिन हजारों लोगों के लिए ताजा प्रसाद तैयार किया जाता है। उन्होंने कहा कि टीटीडी श्रीवारी दर्शन के लिए आने वाले हजारों भक्तों के लिए गर्म अन्न प्रसादम तैयार करता है। ऐसे में यह दावा कि कनखजूरा खाने में गिर सकता है, गलत है। टीटीडी ने यह भी दावा किया कि प्रसाद के संबंध में शिकायत भक्तों को भगवान वेंकटेश्वर में उनकी आस्था से हटाने का एक प्रयास था। यह संस्था को बदनाम करने का एक तरीका है।