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पश्चिमांचल के कई विद्युत अधिकारियों पर गिरी गाज, लेकिन कई बार निलंबन और FIR के बाद भी इस भ्रष्ट अधिकारी पर एक्शन नहीं

पूर्व में सचिन शर्मा 6 वर्षों तक जनपद मेरठ में JE के पद पर रह चुके है जहां इनके कारनामों की वजह से इनके ऊपर निलंबन की कार्यवाही की गई थी लेकिन विभाग में प्रभुत्व के चलते अपना ट्रांसफर सहारनपुर करा लिया।

Rajat Mishra
  • Nov 8 2024 12:36PM

इनपुट- रजत के. मिश्र, लखनऊ, twitter- rajatkmishra1

 
हाल ही में विद्युत विभाग पश्चिमांचल की एमडी ईशा दुहन ने बड़ी कार्यवाही करते हुए कई निकम्मे अधिकारियों को निलंबित किया है। बड़े स्तर पर की गई इस कार्रवाई से विभाग में हड़कंप मचा है। यह कार्रवाई मुख्यतः उन अधिकारियों पर की गई है जो जिम्मेदारी के पद पर तैनात थे लेकिन राजस्व वसूली में फिसड्डी रहे है। जिन अधिकारियों पर कार्यवाही की गई है उनमें बुलंदशहर के SE-2 रविंद्र बाबू सस्पेंड किए गए बिजनौर के अधीक्षण अभियंता विनोद अवस्थी को भी सस्पेंड किया गया है। 
 
इसके अलावा जनपद मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना XEN मुकेश, बुलंदशहर XEN विनय कुमार को भी सस्पेंड किया गया है। वहीं जनपद शामली XEN-I विनोद कुमार को निलंबित किया गया है तो वही मुजफ्फरनगर,शामली,बड़ौत, गाजियाबाद XEN को चार्जशीट दी गई है लेकिन विभाग का बंटाधार कर अपनी तिजोरी भरने वाले कई अधिकारी अभी भी कार्यवाही की जद से बाहर है जिसमें सचिन शर्मा जो वर्तमान में एसडीओ पल्लवपुरम मेरठ है। पूर्व में सचिन शर्मा 6 वर्षों तक जनपद मेरठ में JE के पद पर रह चुके है जहां इनके कारनामों की वजह से इनके ऊपर निलंबन की कार्यवाही की गई थी लेकिन विभाग में प्रभुत्व के चलते अपना ट्रांसफर सहारनपुर करा लिया।
 
दूसरी पोस्टिंग सहरानपुर जनपद के नुकूड में SDO के पद पर हुई यहां उनके बड़े कारनामे सामने आए। कारनामे ऐसे की विभाग की विजिलेंस को उनके ऊपर गंभीर धाराओं में FIR दर्ज करनी पड़ी। जानकारी के अनुसार सचिन शर्मा के द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए बिल जमा करने की एवज में आम जनता को फर्जी रसीद थमा दी गई। साथ ही विभाग के अकाउंट में भी छेड़छाड़ करने का आरोप चार्जशीट में दर्ज है। इस अपराध में जहां सचिन शर्मा को बर्खास्त किया जाना चाहिए था लेकिन विभाग में सेटिंग के चलते सचिन शर्मा का एक बार फिर ट्रांसफर मुजफ्फरनगर की सबसे मलाईदार सीट पर हो जाता है। यहां पर भी SDO साहब के द्वारा अवैध तरीके से विभाग के राजस्व को बड़ी क्षति पहुंचाते हुए कालोनियों में बिना स्टीमेट बनाए कनेक्शन दिए गए जिसमें विभागीय जांच प्रचलित है। यहां पर भी कार्यवाही होने से ठीक पहले सचिन शर्मा अपना ट्रांसफर कराते हुए मेरठ की सबसे मलाईदार सीट पल्लव पुरम पर काबिज है अब बड़ा सवाल यह है कि विभाग के बड़े अधिकारी किस बड़ी घटना का इंतजार कर रहे है ?
 
वर्तमान में सचिन शर्मा एसडीओ पल्लवपुरम है। यहां पर भी उनकी गतिविधि संदिग्ध बताई जा रही है और सबसे हास्यास्पद बात यह है कि कई बार निलंबन की कार्यवाही एवं FIR होने के बावजूद सचिन शर्मा का नाम प्रमोशन की सूची में सम्मिलित किया गया है। अब देखना यह होगा कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों को कब बर्खास्त किया जाएगा जानबुझकर आंख मूंदे बैठे ऊंच अधिकारियों की आंखे कब खुलेगी।

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