महाराष्ट्र में चल रहे विधानसभा चुनावों के बीच, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज यानी 20 नवंबर को रायपुर, छत्तीसगढ़ में बिटकॉइन घोटाले से जुड़े आरोपों के तहत गौरव मेहता के ठिकानों पर छापेमारी की। गौरव मेहता, जो सारथी एसोसिएट्स नामक एक ऑडिट फर्म में काम करते हैं, इस घोटाले के मुख्य संदिग्ध माने जा रहे हैं।
पूर्व आईपीएस अधिकारी का गंभीर आरोप
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले, पुणे के पूर्व आईपीएस अधिकारी रवींद्रनाथ पाटिल ने बारामती सांसद सुप्रिया सुले और महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि दोनों नेताओं ने 2018 में क्रिप्टोकरेंसी (बिटकॉइन) का दुरुपयोग किया था और इसका इस्तेमाल महाराष्ट्र चुनावों में चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए किया। पाटिल ने कहा कि वह इस मामले में जांच में सहयोग देने के लिए तैयार हैं।
भाजपा का आरोप और 'वॉयस नोट' का मामला
इस विवाद के बाद भाजपा ने आरोपों का समर्थन करते हुए कुछ कथित वॉयस नोट्स जारी किए, जिसमें दावा किया गया कि सुप्रिया सुले और नाना पटोले चुनावी धांधली के लिए बिटकॉइन का इस्तेमाल कर रहे थे। भाजपा ने इसे चुनावों में गड़बड़ी करने की साजिश बताया। भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में तीन ऑडियो क्लिप जारी करते हुए दावा किया कि इन क्लिप्स में इन दोनों नेताओं की आवाज है, जो घोटाले में शामिल होने के सबूत के रूप में पेश किए गए।
सुप्रिया सुले का जवाब
सुप्रिया सुले ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह यह जानकर हैरान हैं कि उनकी पार्टी इस स्तर तक गिर सकती है। उन्होंने आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताया और कहा कि यह झूठी सूचना फैलाई जा रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग और महाराष्ट्र पुलिस को इस मामले में शिकायत दर्ज कराई गई है। सुले ने कहा कि यह एक सोची-समझी रणनीति है, जिसका उद्देश्य धार्मिक मतदाताओं को प्रभावित करना है।
भाजपा का कड़ा रुख और 235 करोड़ रुपये के घोटाले का दावा
भाजपा ने आरोप लगाया कि इस घोटाले में 235 करोड़ रुपये की गड़बड़ी हुई है। पार्टी ने दावा किया कि बिटकॉइन के माध्यम से चुनावी फंड इकट्ठा किया गया था, और इस घोटाले की जड़ें 2018 से जुड़ी हुई हैं। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने विपक्ष के आरोपों को नकारते हुए कहा कि यह घोटाला वर्षों पुराना है और इसके दौरान विपक्षी गठबंधन ने इस धन का इस्तेमाल किया।
गौरव मेहता और पुलिस अधिकारियों का संदिग्ध संबंध
भाजपा ने यह भी दावा किया कि इस घोटाले में गौरव मेहता का अहम रोल था, जिन्होंने बिटकॉइन के व्यापार से जुड़े हुए कुछ संदिग्ध दस्तावेज़ सार्वजनिक किए थे। इसके बाद उन्हें अपनी जान को खतरा महसूस होने लगा था। भाजपा का कहना था कि पाटिल के आरोपों का खुलासा तब हुआ जब मेहता ने खुद सामने आकर इस घोटाले से जुड़े तथ्यों को साझा किया।
विपक्ष का बचाव और भाजपा की आलोचना
विपक्ष ने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए भाजपा के खिलाफ यह आरोप लगाया कि यह सभी आरोप चुनावी रणनीति का हिस्सा हैं। कांग्रेस नेताओं ने इन आरोपों को पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि यह भाजपा द्वारा किया गया राजनीतिक हमला है।