राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन जी भागवत ने हिंदू समाज से एकजुट होकर आपस में मतभेद और विवाद मिटाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि विश्व में भारत की प्रतिष्ठा देश के सबल होने से ही है, और यह कि भारत हिंदू राष्ट्र है. भागवत जी ने कहा कि हिंदू समाज को भाषा, जाति और प्रांत के मतभेद और विवाद मिटाकर अपनी सुरक्षा के लिए एकजुट होना होगा.
जानकारी के अनुसार,आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जी ने कल यानी 5 अक्टूबर को पांच दिवसीय दौरे पर राजस्थान के बारां पहुंचे. बता दें कि यहां कृषि उपज मंडी में उन्होंने हिंदू समाज को एकता का संदेश दिया. भागवत जी ने कहा कि भाषा, जाति और प्रांत के भेदभाव को मिटाना होगा.
उन्होंने कहा कि हिंदू समाज को सुरक्षा के लिए एकजुट होना जरूरी है. उन्होंने समाज में अनुशासन का महत्व बताया. भागवत जी ने कहा कि राज्य के प्रति कर्तव्य और लक्ष्य होना चाहिए.आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जी ने आगे कहा कि समाज सिर्फ मेरे और मेरे परिवार से नहीं बनता, बल्कि हमें समाज के प्रति सर्वांगीण चिंता के जरिए अपने जीवन में ईश्वर को प्राप्त करना है.
RSS प्रमुख ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का काम विचारों पर आधारित है. भागवत जी ने आगे कहा कि दुनिया में संघ जैसा कोई और संगठन नहीं है. संघ के कार्य की तुलना में दुनिया में कोई संगठन नहीं है. उन्होंने कहा कि संघ की तुलना किसी से नहीं की जा सकती. संघ से संस्कार समूह नेता में, समूह नेता से स्वयंसेवक में और स्वयंसेवक से परिवार में जाते हैं. परिवार से समाज का निर्माण होता है. RSS प्रमुख ने कहा कि संघ में व्यक्ति के विकास की यही पद्धति अपनाई जाती है.
भागवत जी ने कहा कि भारत एक हिंदू राष्ट्र है. हम लोग प्राचीन काल से यहां रह रहे हैं, हालांकि हिंदू नाम बाद में आया. यहां रहने वाले भारत के सभी संप्रदायों के लिए हिंदू शब्द का इस्तेमाल किया जाता था. हिंदू सभी को अपना मानते हैं और सभी को स्वीकार करते हैं. हिंदू कहता है कि हम सही हैं और आप भी अपनी जगह सही हैं. एक दूसरे से लगातार संवाद करते हुए सद्भावना से रहें. उन्होंने आगे कहा कि स्वयंसेवकों को हर जगह लोगों से जुड़ना चाहिए. भागवत जी ने कहा कि समाज में फैली बुराइयों को दूर करना चाहिए. उन्होंने ने सामाजिक समरसता, न्याय, स्वास्थ्य और शिक्षा पर जोर दिया.