राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने केंद्रीय सतर्कता आयोग के सतर्कता जागरुकता सप्ताह समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत बारह अरब डॉलर की संपत्तियां जब्त की गई हैं। मुझे भरोसा है कि भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकेगी।
राष्ट्रपति ने क्या कहा?
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भ्रष्ट लोगों के खिलाफ तुरंत कानूनी कार्रवाई बहुत ही आवश्यक है, क्योंकि देरी से या कमजोर कार्रवाई से ऐसे लोगों को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कहा कि विश्वास सामाजिक जीवन का आधार है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार ने सिर्फ आर्थिक प्रगति में बाधा है बल्कि यह समाज में भरोसे को भी घटाता है। यह लोगों में भाईचारे की भावना पर प्रतिकूल असर डालता है। भ्रष्टाचार के खिलाफ त्वरित कानूनी कार्रवाई बेहद जरुरी है। उन्होंने कहा कि सरकार के काम और कल्याणकारी योजनाओं में जनविश्वास शासन की शक्ति का स्त्रोत है।
कोई भी कार्रवाई दुर्भावना से प्रेरित नहीं होनी चाहिए
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि कार्रवाई में देरी या कमजोर कार्रवाई अनैतिक व्यक्तियों को बढ़ावा देती है। किंतु, साथ ही यह भी आवश्यक है कि हर कार्रवाई और व्यक्ति को संदेह की नजर से न देखा जाए। हमें इससे बचना चाहिए। व्यक्ति की गरिमा को ध्यान में रखा जाना चाहिए एवं कोई भी कार्रवाई दुर्भावना से प्रेरित नहीं होनी चाहिए। किसी भी कार्रवाई का उद्देश्य समाज में न्याय और समानता स्थापित करना होना चाहिए।