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जिहादी जामिया मिलिया इस्लामिया में गैर-मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव और धर्मांतरण का अधिकृत पर्दाफाश...सुदर्शन न्यूज़ के दावे सही हुए साबित

सुदर्शन न्यूज़ चैनल के लगातार खुलासों और साहसिक रिपोर्टिंग ने एक बार फिर सच को सामने लाने का काम किया है

Sumant Kashyap
  • Nov 17 2024 1:44PM

सुदर्शन न्यूज़ चैनल के लगातार खुलासों और साहसिक रिपोर्टिंग ने एक बार फिर सच को सामने लाने का काम किया है. गुरुवार को जामिया मिलिया इस्लामिया में गैर-मुसलमानों के साथ भेदभाव और उन्हें जबरन इस्लाम में धर्मांतरित करने के आरोपों पर आधारित फैक्ट-फाइंडिंग रिपोर्ट जारी की गई. यह रिपोर्ट न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) श्री एस. एन. ढींगरा, दिल्ली पुलिस के पूर्व आयुक्त श्री एस. एन. श्रीवास्तव और अन्य समिति सदस्यों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पेश की.

सुदर्शन न्यूज़ के दावे सही साबित 

सुदर्शन न्यूज़ चैनल ने जामिया में गैर-मुसलमानों के साथ हो रहे भेदभाव और जबरन धर्मांतरण की सच्चाई पहले ही देश के सामने रखी थी. इसके बावजूद, जामिया प्रशासन ने सुदर्शन न्यूज़ को झूठा करार देते हुए हमें कानूनी कार्रवाई की धमकी दी थी. लेकिन हम अपने दावे पर अड़े रहे, और आज फैक्ट-फाइंडिंग रिपोर्ट ने हमारे हर दावे को सही साबित कर दिया है.

रिपोर्ट की प्रमुख बातें

 रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि जामिया में गैर-मुसलमानों के साथ भेदभाव और उत्पीड़न एक आम बात है.

1.गैर-मुस्लिम सहायक प्रोफेसर का बयान

•एक गैर-मुस्लिम महिला सहायक प्रोफेसर ने बताया कि जामिया में उनके साथ शुरू से ही दुर्व्यवहार किया गया.

•मुस्लिम कर्मचारियों ने उनके काम को नीचा दिखाने की कोशिश की. जब उन्होंने पीएचडी शोध-प्रबंध जमा किया, तो मुस्लिम क्लर्क ने उन्हें ‘नालायक’ करार दिया और उनके शोध पर अपमानजनक टिप्पणी की.

2.अनुसूचित जाति के गैर-मुस्लिम शिक्षक का बयान

•एक अन्य शिक्षक ने बताया कि उन्हें उनके मुस्लिम सहकर्मियों से अलग किया गया.

•उन्हें कार्यालय की मूलभूत सुविधाएं तक नहीं दी गई. जब उन्हें प्रशासनिक केबिन दिया गया, तो परीक्षा शाखा के कर्मचारियों ने उन्हें ‘काफिर’ कहकर अपमानित किया.

3.गैर-मुस्लिम छात्रों पर दबाव.

•कई गैर-मुस्लिम छात्रों ने आरोप लगाया कि उन्हें इस्लाम कबूलने का दबाव डाला जाता है.
•एक प्रोफेसर ने खुलेआम घोषणा की कि जब तक छात्र इस्लाम को नहीं अपनाएंगे, वे म.Ed. पूरा नहीं कर सकते.

सुदर्शन न्यूज़ की जीत

 यह रिपोर्ट सुदर्शन न्यूज़ के उस साहसिक पत्रकारिता की जीत है जिसने जामिया में हो रहे इस षड्यंत्र को बेनकाब किया. जामिया प्रशासन द्वारा धमकियों और दबाव के बावजूद, सुदर्शन ने सच के लिए लड़ाई लड़ी.

कॉल फॉर जस्टिस और रिपोर्ट का प्रस्तुतिकरण

इस रिपोर्ट को “कॉल फॉर जस्टिस” नामक एनजीओ द्वारा गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय, शिक्षा मंत्रालय और दिल्ली के उपराज्यपाल कार्यालय को प्रस्तुत किया गया.

निष्कर्ष

 जामिया मिलिया इस्लामिया में गैर-मुसलमानों के साथ हो रहे उत्पीड़न, भेदभाव और धर्मांतरण के मामलों ने इस अल्पसंख्यक संस्थान के असली चेहरे को उजागर किया है. यह रिपोर्ट न केवल सुदर्शन न्यूज़ की पत्रकारिता की सत्यता को प्रमाणित करती है, बल्कि देश के हर नागरिक से आग्रह करती है कि वे इस तरह के षड्यंत्रों के खिलाफ आवाज उठाएं.

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