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विद्युत विभाग के सिस्टम में सेंधमारी, करप्शन के आरोप पत्र दाखिल होने के बावजूद प्रमोशन की सूची में भी नाम शामिल

सुदर्शन न्यूज़ को सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों की सेटिंग इस स्तर पर है कि शासन स्तर तक सिस्टम में सेंधमारी की बू आ रही है। जिन अधिकारियों पर करप्शन के आरोप है,

Rajat Mishra
  • Oct 2 2024 9:20PM

इनपुट- रजत के. मिश्र, लखनऊ, twitter- rajatkmishra1

 
उत्तरप्रदेश सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए ताबड़तोड़ कार्यवाही कर रही है। CM योगी आदित्यनाथ के द्वारा एंटी करप्शन टीम को एक्टिव करने के बाद लगातार कार्यवाही की जा रही है और पिछले तीन माह में 3 दर्जन से अधिक भ्रष्ट अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया है जिसमे विद्युत विभाग के कर्मचारियों की संख्या सर्वाधिक है। सुदर्शन न्यूज़ को सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों की सेटिंग इस स्तर पर है कि शासन स्तर तक सिस्टम में सेंधमारी की बू आ रही है। जिन अधिकारियों पर करप्शन के आरोप है, जिनके खिलाफ विभागीय स्तर पर जांच प्रचलित है कई बार निलंबन की कार्यवाही होने के बावजूद एकबार फिर ऐसे अधिकारी सबसे अधिक मलाईदार सीट पर काबिज है। 
 
ऐसा ही एक प्रकरण जनपद मेरठ से सामने आया है। शिकायतकर्ता ने मामले को उजागर करते हुए बताया है कि मेरठ के पल्लवपुरम में तैनात विद्युत विभाग के SDO सचिन शर्मा सन 2008 में मेरठ जनपद में ही जूनियर इंजीनियर के पद पर 6 वर्षो तक तैनात रहे जहा उनके विरुद्ध कई शिकायते विभाग के उच्च अधिकारियों को मिलने के बाद तत्कालीन डायरेक्टर आरके राणा के द्वारा उन्हें हटा दिया गया लेकिन विभाग में प्रभुत्व के चलते सचिन शर्मा ने अपना ट्रांसफर मेरठ से सहरानपुर जनपद के नुकुड करा लिया। यहाँ पर भी सचिन शर्मा पर कई गंभीर आरोप लगे जिसमे फर्जी रसीदबुक के आधार पर बिलो को एडजेस्ट करना विभाग के अकाउंट में हेराफेरी करने के मामले में विजिलेंस के द्वारा गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया साथ ही निलंबन की कार्यवाही की गई। कुछ दिन शांत रहने के बाद सचिन शर्मा के द्वारा विभाग के अधिकारियों से साठ गांठ कर मुजफ्फरनगर के सबसे मलाईदार सीट नई मंडी को कब्जाने में कामयाब हो गए यहां पर भी उनके ऊपर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे जिसकी विभागीय जांच प्रचलित है।
 
हाल ही में MD पश्चिमांचल निशा दूहन के द्वारा बड़े स्तर पर अधिकारियों के ट्रांसफर किए गए जिसमे सचिन शर्मा का नाम भी शामिल है लेकिन गौर करने वाली बात यहां है की जनपद मेरठ की सबसे हॉट सीट पल्लव पुरम को पाने में सचिन शर्मा एक बार फिर कामयाब हो गए लेकिन गंभीर विषय यह है की जिस अधिकारी के विरुद्ध कई आरोपपत्र प्रचिलत है कई बार निलंबन की कार्यवाही हो चुकी है, विजिलेंस के द्वारा गंभीर धारों में FIR कराई गई है उसके बावजूद सचिन शर्मा का नाम एकबार फिर प्रमोशन की सूची में कैसे शामिल किया गया है।
 
 प्रमोशन पाने वाले अधिकारियों की मूल कॉपी सुदर्शन न्यूज़ के पास है जिसमे दो सूची है एक वो सूची जिनसे सचिन शर्मा लगे आरोप पत्र एवं पूर्व में हुई कार्यवाही का विवरण दर्ज है लेकिन प्रमोशन के लिए तैयार की गई दूसरी सूची में सचिन शर्मा का नाम तो है लेकिन आरोप नही है। कहीं ना कहीं यह विभाग के सिस्टम तक सेंधमारी है जिसकी जाच और कार्यवाही होना जनहित में बेहद आवश्यक है।

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