महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में शायराना अंदाज में विपक्ष पर तंज कसा. सीएम ने साक़ी अमरोहवी की लाइन पढ़ते हुए कहा कि, 'मंज़िलें लाख कठिन आएं, गुजर जाऊंगा. हौसला हार के बैठूंगा तो मर जाऊंगा.. चल रहे थे जो मेरे साथ कहां हैं वो लोग? जो ये कहते थे कि रास्ते में बिखर जाऊंगा. लाख रोके ये अंधेरा मेरा रास्ता लेकिन, मैं जिधर रोशनी आएगी उधर जाऊंगा.
एक अन्य शायरी में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि, आप इतना भी गरज-गरज कर ना बरसो, कि मैं आंधी-तूफान या सैलाब बन जाऊं. खैर मुझमे तो अभी साख बाकी है, आप टटोलना खुद को और फ़ितरत को, सच बोलो! आप में वो पहले वाली बात कहां बाकी है?'' इस दौरान सदन में खूब ठहाके लगे.
इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि, भाजपा और तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के बीच पहली बार 2014 में संबंध तब टूटे थे, जब शिवसेना ने 147 सीटों की पेशकश के बावजूद 151 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने पर जोर दिया था. देवेंद्र फडणवीस सिक्किम के राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर के सम्मान में आयोजित समारोह में बोल रहे थे. माथुर 2014 में भाजपा के महाराष्ट्र प्रभारी थे.
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि, भाजपा ने तब 127 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बनाई थी और वह शिवसेना को 147 सीटें देने को तैयार थी. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा, 'हमने शिवसेना को 147 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऑफर दिया था और खुद 127 सीटों पर लड़ने का फैसला किया, जबकि हमारा मानना था कि हम 200 से अधिक सीटें जीतेंगे. मुख्यमंत्री शिवसेना का और उपमुख्यमंत्री भाजपा का होना तय हुआ था.