झारखंड के गुमला से सामने आई इस भयावह घटना के बाद न तो कोई अर्बन नक्सली बोल रहा है और न ही कोई दलित समाज का स्वघोषित ठेकेदार. इस घटना के बाद चुप्पी साध ली है उन लोगों ने भी जो स्वयं को कथित सेक्यूलरिज्म का पुरोधा मानते हैं, बुद्धिजीवी मानते हैं. खबर के मुताबिक़, झारखंड के गुमला में हिंदू समाज की दलित महिला पर ईसाई मिशनरियां धर्मांतरण का दवाब बना रही हैं. लेकिन जब महिला हिंदू धर्म त्यागने को तैयार नहीं हुई तो उनकी उन्मादियों ने हैवानियत की सारी हदें पार्ट करते हुए उनकी नाबालिग बेटी का यौन शोषण किया.
इसके बाद पीड़ित महिला ने कुरकुरा थाने में शिकायत दर्ज कराई है. पीड़ित महिला एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता है तथा गुमला के जामडीह गांव की रहने वाली है. पीड़िता के मुताबिक, कुछ ग्रामीण उसके परिवार के सदस्यों को जबरन ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रताड़ित कर रहे हैं. महिला ने कहा उन ईसाई ग्रामीणों ने मेरी नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म भी किया, जिससे वह अभी तक सदमे में है. गुमला पुलिस ने महिला की लिखित शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है तथा जांच के बाद कार्यवाई की बात कही है.
पुलिस ने आरोपी पक्ष के खिलाफ धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुँचाने की सजा), 341 (गलत तरीके से रोक लगाने की सजा), 295 (अपमान के इरादे से पूजा स्थल को नुकसान पहुँचाना या अपवित्र करना), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान), 448 (घर-अतिचार के लिए सजा), 506 (आपराधिक धमकी के लिए सजा), 509 (किसी भी महिला का अपमान), झारखंड में धर्म स्वतंत्रता अधिनियम की आईपीसी की धारा 4 (जबरदस्ती धर्मांतरण) और POCSO अधिनियम की धारा 8 (नाबालिग का यौन उत्पीड़न) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है.
शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में पॉलीना बिलुंग, आकाश डुंगडुंग, निशा, शीला, फूलमनी सुरीन, उर्मिला, संतोषी, जानकी, शीतल राम, गंगी देवी, आकाश डुंगडुंग और सुशीला देवी का नाम लिया है. ये सभी ईसाई मत के अनुयायी हैं. महिला ने कहा कि आरोपित 14 अगस्त को उसके घर आए और उसके परिवार से ईसाई मत अपनाने के लिए कहा। अनुसूचित जाति की पीड़िता ने उन्हें यह कहते हुए मना कर दिया था कि वह अपने हिन्दू धर्म से खुश है.
इस बात को लेकर उनके बीच कहासुनी हुई, जिससे आरोपित हिंसक हो गए. उन्होंने घर पर अपना मजहबी झंडा फहराया और उसकी 16 साल की बेटी के साथ यौन शोषण किया. उन्होंने लड़की के कपड़े खींचते हुए कहा कि वे उससे शादी करेंगे और फिर उसे ईसाई बना देंगे. महिला ने कहा कि आरोपितों ने ग्रामीणों को उसके परिवार के खिलाफ भी भड़काया. पीड़िता ने कहा है कि कुछ भी हो जाए, वह अपना हिंदू धर्म नहीं छोड़ेगी. पीड़िता ने पुलिस से आरोपियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की मांग की है.