बाबा मिल गए हैं. ज्ञानवापी में वो भोलेबाबा मिल गए हैं जिनका इतंजार नंदी जी पिछले 253 वर्षों से कर रहे थे. बाबा के मिलने के बाद नारा गूंज उठा है कि महादेव हम आएंगे- शिवलिंग वहीं सजाएंगे. कल ज्ञानवापी परिसर के तीसरा और आख़िरी दिन था.
पूरा देश जानना चाहता था कि सर्वे में क्या मिला ? ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के बाद जब हिंदू पक्ष ने कहा कि बाबा मिल गए हैं, ज्ञानवापी परिसर के वजू करने वाले तालाब में 12 फ़ीट 8 इंच का शिवलिंग मिला है. तो भारतवर्ष ही नहीं बल्कि दुनिया में रहने वाला हर हिंदू मुस्कुरा उठा. साथ ही मुस्कुरा उठे वो नंदी जिनकी आंखे स्वयंभू ज्योतिर्लिंग बाबा विश्वेश्वर का इन्तजार करते करते पथरा गई थीं.
वो 1669 का वर्ष था मलेच्छ मुग़ल आक्रांता औरंगजेब ने बाबा विश्वनाथ के धाम को तोड़ा था. ये चौथी बार था जब किसी मुगल आक्रांता के बाबा के धाम पर हमला किया था, बाबा के मंदिर को तोड़ा था. उस समय मंदिर के पुजारी शिवलिंग को बचाने के लिए ज्ञानकूप कुएं में कूद गए थे.
औरंगजेब ने बाबा के मंदिर को तोड़कर मस्जिद नुमा ढांचा बनवाया तो उसी ज्ञानकूप को वजू स्थल बनवाया जिसमें शिवलिंग था. आज जब ज्ञानवापी सर्वे के आख़िरी दिन तालाब अर्थात कुए का सर्वे हुआ तो विश्वेश्वर महादेव का शिवलिंग मिल गया. लेकिन बात ये सिर्फ ये नहीं है कि बाबा मिल गए हैं. बात ये है कि बाबा उस तालाब में मिले हैं जिसमें औरंगजेब की औलादें वजू करती हैं.
नीचता की पराकाष्ठा देखिए कि जिस कुए में हमारे बाबा का शिवलिंग है, औरंगजेब की औलादें उस कुए में हाथ-पैर धुलती हैं, मुंह से कुल्ला करती हैं. बाबा का ये अपमान आज से नहीं बल्कि सन 1669 से अर्थात 353 वर्षों से हो रहा है. आज जब इसकी जानकारी मिली तो हिंदू समाज संकल्प लेता हुआ नजर आया कि बाबा के इस अपमान को,, न भूलेंगे, न माफ़ करेंगे. बाबा विश्वनाथ का ये अपमान. नहीं सहेगा हिंदू समाज.
हैदराबाद का जहरीला सांसद भले कहे कि ज्ञानवापी मस्जिद थी तथा कयामत के दिन तक मस्जिद रहेगी लेकिन आज जब बाबा मिल गए हैं तो ओवैसी को समझ आ जाना चाहिए कि अयोध्या के बाद अब काशी के शुद्धीकरण का समय आ गया है. बनारस की अदालत ने भी कह दिया है कि जहां शिवलिंग मिला है, उस जगह को सील कर दिया जाए, वहां पर मुसलमानों के प्रवेश को पूर्णतः वर्जित कर दिया जाए.
सर्वे के दौरान मिले मंदिर होने के प्रमाण तथा बनारस की अदालत द्वारा शिवलिंग वाली जगह को सील करने के आदेश के बाद इन्तजार है उस पल का जब रामलला की तरह ही बाबा विश्वेश्वर भी मुक्त होंगे और काशी पूरे मनोयोग से बम बम बोलेगी.