बीजेपी के सांसद और एनडीए उम्मीदवार ओम बिरला आज यानी बुधवार को 18वीं लोकसभा के स्पीकर चुन लिए गए हैं. दरअसल, ध्वनिमत से एनडीए उम्मीदवार ने शक्ति परीक्षण पास कर लिया है.ओम बिरला ने इंडी गठबंधन की तरफ से कैंडिडेट और कांग्रेस सांसद के सुरेश को हरा दिया है. वहीं, इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओम बिरला के नाम का प्रस्ताव रखा था. बीजेपी दिग्गज नेता राजनाथ सिंह ने इस प्रस्ताव को समर्थन किया है.
ओम बिरला को स्पीकर बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेता विपक्ष राहुल गांधी उन्हें आसन तक लेकर पहुंचे. ध्वनिमत पर विपक्ष ने डिविजन की मांग नहीं की. ओम बिरला के नाम पर विपक्ष का विरोध न करना मोदी सरकार के लिए भी किसी सरप्राइज से कम नहीं रहा. उम्मीद यही की जा रही थी कि विपक्ष वोटिंग की मांग करेगा और फिर पूरी प्रक्रिया के तहत मतदान होगा. लेकिन अचानक ट्विस्ट तब आया जब ध्वनिमत से बिरला को अध्यक्ष चुने जाने पर विपक्ष ने वोटिंग की मांग ही नहीं रखी और इसे मान लिया.
बता दें कि लगातार दूसरी बार लोकसभा स्पीकर चुने जाने के बाद पीएम मोदी ने ओम बिरला को बधाई दी. वहीं, प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि ओम बिरला की मुस्कान हमे प्रसन्न करती आई है. उम्मीद है कि सदन भी खुश रहेगा. पीएम मोदी ने आगे कहा कि ओम बिरला ने इतिहास रचा है. 17वीं लोकसभा में भी ओम बिरला ने कई अहम फैसले लिए. हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले समय में भी बड़े फैसले लेकर वो अमृतकाल के सपने को पूरा करेंगे. उन्होंने आगे कहा कि ओम बिरला ने अपने कार्यों से सदन की गरिमा औऱ आचरण को बनाए रखा है. इसके लिए उन्हें कठोर निर्णय भी लेने पड़े.
वहीं, कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपने संबोधन में सर्वप्रथम ओम बिरला को स्पीकर चुने जाने पर बधाई दी. राहुल गांधी ने कहा कि मैं आपको पूरे विपक्ष और इंडी गठबंधन की ओर से बधाई देना चाहता हूं. यह सदन भारत के लोगों की आवाज का प्रतिनिधित्व करता है और आप उस आवाज के मीडिएटर हैं. उन्होंने आगे कहा कि सरकार के पास राजनीतिक शक्ति है लेकिन विपक्ष भी भारत के लोगों की आवाज का प्रतिनिधित्व करता है और इस बार विपक्ष पिछली बार की तुलना में अधिक और ज्यादा ताकत के साथ भारत के लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहा है. राहुल गांधी ने आगे कहा कि हम चाहेंगे कि सदन लगातार अच्छे से चले. यह बहुत महत्वपूर्ण है कि विपक्ष की आवाज को दबाया न जाए.