पेरिस ओलंपिक 2024 में के दूसरे दिन भारत के एथलीट्स कई क्वालिफिकेशन मुकाबले खेलेंगे। इस साल पेरिस ओलंपिक में देश के कुल 112 एथलीट 16 खेलों में हिस्सा ले रहे है। इसमें 5 रिजर्व एथलीट भी शामिल है। आज भारत को अपना पहला मेडल भी मिल गया है। आज का दिन भारत के लिए बेहद खास रहा। दरअसल, आज यानी रविवार को भारत के खाते में पेरिस ओलंपिक का पहला मेडल आ चुका है। आज के दिन भारतीय निशानेबाज मनु भाकर ने इतिहास रच दिया है। मनु ने पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टर इवेंट में कांस्य पदक जीत लिया है।
मनु भाकर ने भारत को दिलाया मेडल
बता दें कि, भारतीय शूटर मनु भाकर ने ओलंपिक में पदक जीत इतिहास रच दिया है। उन्होंने शूटिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीता है। मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल वीमेंस के फाइनल में शानदार प्रदर्शन करते हुए ब्रॉन्ज अपने नाम कर लिया है। मनु भारत के लिए ओलंपिक में मेडल जीतने वाली पहली महिला शूटर बनी है।
मनु ने फाइनल में कुल 221.7 अंक जुटाए। भारत का मौजूदा पेरिस ओलंपिक में यह पहला मेडल रहा। साथ ही ओलंपिक के इतिहास में भारत का यह शूटिंग में पांचवा मेडल है।
आपको बता दें कि, कोरियाई खिलाड़ियों ओह ये जिन ने गोल्ड 243.2 अंक के साथ जीता है। वहीं किम येजी ने 241.3 से सिल्वर मेडल जीता है।
बचपन से थी खेलों में रुची
जानकारी के लिए बता दें कि, मनु भाकर हरियाणा के झज्जर से है। बचपन से ही मनु को खेलों में रुची रही है। वह जब 14 साल की थी, तभी उन्होंने निशानेाजी में अपना करियर बनाने का फैसला लिया था। उन्होंने जब अपने पिता राम किशन भाकर से शूटिंग की प्रैक्टिस के लिए पिस्टल लाने को कहा तो उनके पिता ने भी उनके फैसले का सम्मान किया और उन्हें पेस्टल लाकर दे दी। उनके पिता के इस फैसले से आज मनु भाकर को ओलंपियन बना दिया है। वह टेनिस से लेकर स्केटिंग और मुक्केबाजी प्रतियोगिताओं में अक्सर हिस्सा लेती रहती थी। इसके अलावा उन्होंने एक मार्शल आर्ट में भी हिस्सा लिया था। जिसे नेशनल लेवल पर मेडल जीतने वाली थान टा के नाम से जाना जाता है।