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हिंद महासागर में सुरक्षा भागीदार के रूप में भारत बना पहली पसंद, नौसेना निभा रही महत्वपूर्ण भूमिका- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

Indian Navy: रक्षा मंत्री ने नौसेना से आज के अस्थिर वैश्विक परिदृश्य में हर स्थिति के लिए तैयार रहने का किया आह्वान।

Ravi Rohan
  • Sep 19 2024 3:52PM

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज यानी गुरुवार को नई दिल्ली में नौसेना कमांडर्स सम्मेलन 2024 के दूसरे संस्करण को संबोधित किया। उन्होंने हिंद महासागर में आर्थिक, भू-राजनीतिक, व्यापार और सुरक्षा पहलुओं को ध्यान में रखते हुए शांति और समृद्धि को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए भारतीय नौसेना की सराहना की और इस क्षेत्र को मूल्यवान और संवेदनशील बताया।

भारत एक समय समुद्र तटों से घिरा हुआ देश था, लेकिन अब इसे भूमि सीमाओं के साथ एक द्वीप देश के रूप में देखा जा सकता है, इस बात की ओर इशारा करते हुए रक्षा मंत्री ने देश के समुद्री हितों की रक्षा के लिए नौसेना की तत्परता, जिसके परिणामस्वरूप क्षेत्र में प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता के रूप में इसकी विश्वसनीयता स्थापित हुई है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि, "दुनिया के व्यापार का एक बड़ा हिस्सा इस क्षेत्र से होकर गुजरता है, जो इसे मूल्यवान बनाता है। वहीं, समुद्र में समुद्री डकैती, अपहरण, ड्रोन हमले, मिसाइल हमले और समुद्री केबल कनेक्शन में व्यवधान जैसी घटनाएं इसे बेहद संवेदनशील बनाती हैं। हमारी नौसेना ने इंडो-पैसिफिक के सभी हितधारक देशों के आर्थिक हितों की रक्षा करने और हिंद महासागर क्षेत्र में माल की सुचारू आवाजाही में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके समुद्री डकैती विरोधी अभियानों को न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर भी सराहना मिल रही है। भारत को अब इस पूरे क्षेत्र में एक पसंदीदा सुरक्षा भागीदार के रूप में देखा जाता है। जब भी जरूरत होगी, हम क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।''

रक्षा मंत्री ने संयुक्तता और संसाधनों के इष्टतम उपयोग के महत्व पर भी बात की। उन्होंने कहा कि हालांकि भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल की अपनी ताकत, जनादेश और काम करने के तरीके हैं, लेकिन देश की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए और अधिक समन्वय की आवश्यकता है।

यह सम्मेलन शीर्ष स्तरीय द्विवार्षिक कार्यक्रम है जो नौसेना कमांडरों के बीच महत्वपूर्ण रणनीतिक, परिचालन और प्रशासनिक मुद्दों पर विचार-विमर्श की सुविधा प्रदान करता है। पश्चिम एशिया में उभरती भू-राजनीतिक और भू-रणनीतिक गतिशीलता, क्षेत्रीय चुनौतियों और समुद्री सुरक्षा स्थिति की जटिलता की पृष्ठभूमि में आयोजित यह सम्मेलन भारतीय नौसेना के भविष्य के पाठ्यक्रम को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में, भारत के समुद्री हितों की रक्षा के लिए नौसेना की प्रतिबद्धता और 'लड़ाकू तैयार, विश्वसनीय, एकजुट और भविष्य के लिए तैयार बल' के रूप में नौसेना की स्थिति को बरकरार रखता है।

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