उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले से घर वापसी की खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि करीब 150 ईसाइयों ने अपनी मर्जी से ईसाइयत छोड़कर सनातन धर्म अपनाया है। यह मामला 10 नवंबर को आयोजित एक विशेष समारोह में हुआ है, जिसमें इन लोगों को वैदिक रीति-रिवाजों से हिंदू धर्म की दीक्षा दी गई। इस समारोह का आयोजन स्थानीय हिंदू संगठनों द्वारा किया गया, और इसमें प्रमुख रूप से हिंदू संतों और समाज के प्रमुख व्यक्तियों ने शिरकत की।
बता दें कि रविवार को सनातन वैदिक संगठन और हिंदू संगठन के पदाधिकारी अंबेडकर कॉलोनी पहुंचे और उन 30 परिवारों के लिए एक हवन का आयोजन किया, जिन्हें वापस हिंदू धर्म में लाया जा रहा था। दुष्यंत रोहटा ने इस कदम को सनातन संस्कृति की रक्षा का प्रतीक बताया और कहा कि धर्मांतरण के खिलाफ ऐसे अभियान भविष्य में भी जारी रहेंगे। उन्होंने यह भी घोषणा की कि मेरठ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों में हर रविवार को इस तरह के हवन आयोजित किए जाएँगे, जिससे उन लोगों को वापस लाया जा सके, जिन्होंने धर्म परिवर्तन किया है।
इन 150 लोगों का दावा है कि कुछ दिन पहले उन्हें पास्टर बिज्जू मैथ्यू द्वारा लालच देकर ईसाई धर्म में धर्मांतरित किया गया था। पास्टर ने उन्हें पैसे और अन्य प्रलोभन देकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया था, लेकिन अब उन्होंने खुद को हिंदू धर्म से जुड़ा महसूस किया और अपने पहले धर्म की ओर वापस लौटने का निर्णय लिया।
समारोह के दौरान इन लोगों की घर वापसी को बड़े धूमधाम से मनाया गया। हिंदू धर्म की विभिन्न धार्मिक रस्मों को निभाते हुए इन 150 लोगों को ‘घर वापसी’ करवाई गई। वहीं, इस पर ईसाई समुदाय ने अपनी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म में विश्वास रखने का अधिकार हर व्यक्ति का है और धर्मांतरण को लेकर उन पर आरोप गलत हैं।