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सिर्फ जान लेना ही नही था मकसद, वर्दी वालों के हथियार भी लूटना चाहती थी मुस्लिम भीड़...संभल की FIR ने झूठे दंगाईयों के मुंह पर पोती कालिख

उत्तर प्रदेश के संभल में 24 नवंबर को जिहादी झुंड के दंगे में करीब 2 दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए थे

Sumant Kashyap
  • Nov 29 2024 11:31AM

उत्तर प्रदेश के संभल में 24 नवंबर को जिहादी झुंड के दंगे में करीब 2 दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. दरअसल, पुलिस को किस तरह से दंगा कर रही भीड़ ने निशाना बनाया, इसका खुलास इस घटना की एफआईआर से हुआ है. बताया जा रहा है कि जहां एक ओर जिहादी झुंड से जुड़े लोग विक्टिम कार्ड खेल रहे हैं, वहीं FIR कुछ और कहानी बयां कर रही हैं.

जानकारी के लिए बता दें कि FIR में बताया गया है कि दंगाई भीड़ ने पहले पुलिसकर्मियों को गंदी-गंदी गालियां दी फिर उनको घेर कर उनके हथियार छीन लिए. वहीं, नुकसान से बचने के लिए पुलिस वालों को आत्मरक्षा में पीछे हटना पड़ा था. बता दें कि यह एफआईआर संभल के कोतवाली नगर में तैनात एक सब इंस्पेक्टर ने दर्ज करवाई है.

वहीं, एफआईआर में सब इंस्पेक्टर ने इस घटना को लेकर बताया कि रविवार को वो अपने साथी सिपाहियों के साथ विवादित जामा मस्जिद के पास तैनात थे. उन्होंने आगे बताया कि सुबह करीब 8:45 के आसपास मस्जिद से लगभग 100 मीटर दूरी पर 700-800 मुस्लिमों की भीड़ जमा हो गई. इस भीड़ ने पहले नारेबाजी शुरू की फिर यह उग्र हो गए. उन्होंने कहा कि भीड़ में शामिल मुस्लिम लड़कों ने पत्थरबाजी चालू कर दी. इसका निशाना पुलिस बनी. शिकायतकर्ता के अनुसार, दंगाई भीड़ विवादित मस्जिद का सर्वे करने आई टीम को बाहर खदेड़ने पर आमादा थी.

सब इंस्पेक्टर के अनुसार जिले में 5 से अधिक लोगों के जमा होने पर रोक लगाई गई थी. इसी के तहत पुलिस बार-बार लोगों को घर जाने की नसीहत दे रही थी. वहीं, पुलिस की इस नसीहत का दंगाई भीड़ पर कोई असर नहीं पड़ा. वह पुलिसकर्मियों को अनुसना करते हुए धक्का देती आगे बढ़ती रही. बताया जा रहा है कि इस दौरान भीड़ में शामिल लोग पुलिसकर्मियों को गंदी-गंदी गालियां देते हुए पत्थर मारते रहे. 

वहीं, सब इंस्पेक्टर ने शिकायत में बताया है कि इस भीड़ में शामिल लोग एक साजिश के तहत पुलिस को निशाना बना रहे थे. पत्थरबाजी के बाद भीड़ में से 40-50 लोगों ने पुलिसकर्मियों की हत्या के लिए इन दंगाइयों को उकसाया. उन्होंने आगे बताया कि भीड़ में कुछ लोगों ने शिकायतकर्ता सब इंस्पेक्टर की सरकारी पिस्टल छीनने की कोशिश की. पिस्टल न छीन पाने पर हमलावरों ने सब इंस्पेक्टर से 9mm के 10 कारतूस लूट लिए.

बताया जा रहा है कि जिहादी झुंड में से कुछ अन्य लोगों ने कॉन्स्टेबल कपिल कुमार को घेर कर कंधे पर टंगा बैग छीन लिया. इस बैग में टियर गैस के 29 गोले थे. यह उपद्रवी अपने साथ ले गए. इतने पर भी हिंसक भीड़ नहीं रुकी, उसने इसके बाद तीसरे पुलिस्कारी पुलिसकर्मी को निशाना बनाया. इसके बाद दंगाइयों का निशाना कॉन्स्टेबल पंकज कुमार बने. उनके कंधे पर टंगा बैग लूट लिया गया. बता दें कि इस बैग में 25 ब्लैंक कारतूस और इतने ही रबर बुलेट थे जो भीड़ अपने साथ ले गई. भीड़ ने यहीं तैनात कॉन्स्टेबल राजपाल को निशाना बनाया. उनसे भी 15 कारतूस छीने गए.

इसके बाद जिहादी झुंड ने उनकी हत्या करने की कोशिश की. पुलिसकर्मियों को अपनी जान बचाने के लिए थाने की तरफ भागना पड़ा. भीड़ एलान कर रही थी कि वो किसी भी हाल में जामा मस्जिद का सर्वे नहीं होने देगी. अतिरिक्त फ़ोर्स आने के बाद ही यहां तैनात पुलिसकर्मियों की जान बच पाई. बता दें कि इस हिंसा में कई पुलिसकर्मियों को चोटें आईं हैं जिनका इलाज अस्पताल में जारी है.

इस बीच संभल में मरे एक उपद्रवी के अब्बा का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. दरअसल, वायरल वीडियो में वो अपने बेटे की मौत का बदला पुलिस से लेने की चुनौती देता दिख रहा है. उसने मीडिया के आगे खुलेआम कहा, “मांग कुछ नहीं है मेरी. बदला ये है कि जिसने मारा है उसको गोली मारूंगा.” वहीं, इस हिंसा को लेकर जब पत्रकार ने पूछा कि किसने मारा है तब सामने से जवाब आया, “पुलिस ने तो मारी है गोली.”


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