महाराष्ट्र सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड को 10 करोड़ रुपये देने का निर्णय अब वापस ले लिया गया है। यह फैसला नए सरकार के गठन से पहले लिया गया, जिसके कारण पहले जारी आदेश को रद्द किया गया है। महाराष्ट्र सरकार ने वक्फ बोर्ड को मजबूत बनाने के लिए 10 करोड़ रुपये वितरित करने का आदेश दिया था।
राज्य की मुख्य सचिव सुजाता सौनिक ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह निर्णय एक सरकारी प्रस्ताव के जारी होने के अगले दिन लिया गया। प्रस्ताव के तहत राज्य प्रशासन ने वक्फ बोर्ड को आवश्यक संसाधन देने के लिए यह राशि आवंटित की थी।
बता दें कि वक्फ की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए सुदर्शन न्यूज लगातार विभिन्न माध्यमों से आवाज उठाते रहता है। सत्तारूढ़ महायुति सरकार के इस फैसले के बाद बीजेपी ने भी इसका विरोध किया था। सुदर्शन न्यूज के प्रधान संपादक श्री सुरेश चव्हाणके जी अपने शो 'बिंदास बोल' में भी इस मुद्दे पे चर्चा कर चुके हैं। इसके साथ ही सुदर्शन न्यूज प्रमुखता से अराजकता के खिलाफ और वोट बैंक की राजनीति के खिलाफ अपनी आवाज समय समय पर उठाते रहता है। सुदर्शन की खबर का ही असर है की महाराष्ट्र सरकार ने चुनाव के ठीक बाद अब अपने इस फैसले को वापस ले लिया है।
राज्य वक्फ बोर्ड को 20 करोड़ रुपये का आवंटन
28 नवंबर को जारी सरकारी प्रस्ताव के अनुसार, महाराष्ट्र राज्य वक्फ बोर्ड को 2024-25 के वित्तीय वर्ष में 20 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया था। इसमें से 2 करोड़ रुपये छत्रपति संभाजीनगर स्थित बोर्ड के मुख्यालय को जारी किए गए थे।
प्रशासनिक गलती से लिया गया निर्णय
वक्फ बोर्ड के लिए 10 करोड़ रुपये के आवंटन को प्रशासनिक गलती के कारण वापस लिया गया है। सरकार ने यह स्पष्ट किया कि यह राशि बिना उचित जांच के जारी की गई थी, जिसके कारण गलत तरीके से निधियों की स्वीकृति दी गई।
BJP ने किया था विरोध
इस आदेश के बाद BJP ने इस आदेश पर आपत्ति जताई थी। महायुति सरकार का मानना था कि इस धन का उपयोग वक्फ भूमि के बेहतर प्रबंधन और बोर्ड के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए किया जा सकता था। वहीं विपक्षी दलों ने भी बीजेपी और सरकार के इस कदम पर सवाल उठाए थे।