बांग्लादेश से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। दरअसल, शुक्रवार को जुमा की नमाज के बाद मुस्लिम कट्टरपंथियों ने एक जुलूस निकाला, उन्होंने हिंदू विरोधी और इस्कॉन विरोधी नारे लगाने शुरू कर दिए। कट्टरपंथियों ने मंदिर पर हमला कर दिया और ईंट-पत्थर फेंके और उनकी दुकानों को भी फूंका। साथ ही लोकनाथ मंदिर, मनसा माता मंदिर और हजारी लेन में काली माता मंदिर में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों को खंडित किया।
मंदिरों में देवी-देवताओं की मूर्तियों को किया खंडित
बता दें कि यह घटना बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में हुआ, लेकिन सबसे ज्यादा असर चटगांव और आसपास के क्षेत्रों में पड़ा है। जुलूस के दौरान, मुस्लिम कट्टरपंथियों ने हिंदू मंदिरों और दुकानों को निशाना बनाया। उन्होंने लोकनाथ मंदिर, मनसा माता मंदिर और हजारी लेन स्थित काली माता मंदिर पर जमकर हमला किया।
हिंदुओं की दुकानों को भी फूंका
हमलावरों ने मंदिरों की दीवारों पर ईंट-पत्थर फेंके, जिससे मंदिरों की संरचना को नुकसान पहुंचा। इसके अलावा, उन्होंने मंदिरों के अंदर रखी मूर्तियों को खंडित कर दिया। इसी बीच, इस्लामिक कट्टरपंथियों ने हिंदू दुकानों को भी निशाना बनाया और उन्हें आग लगा दी। दुकानों को लूटने के साथ-साथ उनमें तोड़फोड़ भी की गई। इस हिंसा ने न सिर्फ धार्मिक भावनाओं को आहत किया, बल्कि हिंदुओं का भी अपमान किया है।
बताया जा रहा है कि अब तक सरकार की ओर से इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे इस्लामिक कट्टरपंथियों के हौसले और भी बढ़े हैं। हिंदू मंदिरों पर लगातार हमलों के कारण हिंदू समुदाय में डर और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है। बांग्लादेश में इस तरह के हमलों की बढ़ती संख्या से देश में धार्मिक सद्भावना और सामाजिक ताने-बाने पर गंभीर असर पड़ सकता है। हालांकि, इस हमले के बाद बांग्लादेश के कई संगठनों ने कड़ी निंदा की और बांग्लादेश सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग की है।