विवाह पंचमी एक विशेष हिंदू पर्व है, जो भगवान श्री राम और माता सीता के विवाह के अवसर पर मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से रामभक्तों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसे श्री राम और सीता के दिव्य विवाह की याद में मनाया जाता है। तो आइए जानें तिथि से लेकर पूजा विधि तक की पूरी जानकारी।
विवाह पंचमी 2024 की तिथि
पंचांग के अनुसार, विवाह पंचमी की शुभ तिथि 5 दिसंबर को सुबह 12 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगा, जिसका समापन 6 दिसंबर सुबह 12 बजकर 07 मिनट पर होगा। उदय तिथि के अनुसार, 6 दिसंबर 2024 को ही विवाह पंचमी मनाई जाएगी। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, इस दिन ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है। इसके अलावा, सर्वार्थ सिद्धि योग और शिववास योग का भी निर्माण होने वाला है। इसलिए यह दिन बेहद शुभ होने वाला है।
विवाह पंचमी पूजा विधि
विवाह पंचमी के दिन पूजा करने का विशेष तरीका होता है।
सुबह स्नान और शुद्धता: सबसे पहले पूजा स्थल को स्वच्छ करें और स्नान कर शुद्ध हो जाएं।
भगवान श्रीराम और माता सीता की तस्वीरें या मूर्तियां स्थापित करें: घर के पूजा स्थल पर भगवान श्रीराम और माता सीता की तस्वीर या मूर्ति रखें।
माला, दीप और फल चढ़ाएं: भगवान श्रीराम और माता सीता को फूलों की माला अर्पित करें, दीप जलाएं और फल चढ़ाएं।
राम विवाह का पाठ: इस दिन विशेष रूप से राम विवाह का पाठ किया जाता है। रामायण के सुंदरकांड के पाठ से विवाह के महत्व को समझा जाता है।
संगीत और भजन: इस दिन राम के विवाह के भजन और कीर्तन गाए जाते हैं। श्रद्धालु लोग राम के विवाह की कथा सुनते हैं और भगवान के गुणों का गुणगान करते हैं।
व्रत और उपवास: कुछ लोग इस दिन उपवास भी रखते हैं, ताकि उनका मन भगवान में संलग्न रहे और उनका परिवार सुखी रहे।
प्रसाद वितरण: पूजा के बाद प्रसाद वितरित करें और घर के सभी सदस्य एक साथ भोजन करें।
विवाह पंचमी का महत्व
विवाह पंचमी का पर्व भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह के ऐतिहासिक महत्व को स्मरण करने के लिए मनाया जाता है। हिंदू धर्म में रामायण के अनुसार, भगवान राम और माता सीता का विवाह एक आदर्श विवाह माना जाता है। इस दिन, भक्त श्रीराम और सीता की पूजा करते हैं और उनके विवाह के पवित्र सम्बन्ध की महिमा का गायन करते हैं।