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Purnima 2024: कब है इस साल की आखिरी पूर्णिमा, नोट कर लें सही तिथि

हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि को बेहद खास माना गया है। जो, 2024 में आखिरी पूर्णिमा 15 दिसंबर को होगी।

Deepika Gupta
  • Dec 1 2024 12:08PM

हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि को बेहद खास माना गया है। जो, 2024 में आखिरी पूर्णिमा 15 दिसंबर को होगी। हिन्दू पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा का दिन हर महीने में आता है जब चांद पूर्ण रूप से आकाश में दिखता है। यह दिन खास धार्मिक महत्व रखता है और इसे शुभ माना जाता है। साल में कुल बारह पूर्णिमा होती हैं, जो हर महीने के अन्तिम दिन यानी पूर्णिमा तिथि को होती हैं। जानें सही तिथि। 

पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से पूजा-अर्चना, व्रत और उपवास का आयोजन किया जाता है। भक्तगण इस दिन गंगा स्नान, नदी तटों पर स्नान और पूजा-अर्चना करते हैं ताकि उनके जीवन में शांति, सुख और समृद्धि आए। विशेष रूप से, हर साल की आखिरी पूर्णिमा का धार्मिक महत्व और बढ़ जाता है क्योंकि यह नए साल की शुरुआत से पहले होती है और इस दिन विशेष रूप से अपने पुराने कर्मों को शुद्ध करने का प्रयास किया जाता है।

कब है इस साल की आखिरी पूर्णिमा?

वैदिक पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा तिथि 14 दिसंबर को दोपहर 4 बजकर 58 मिनट से शुरू होगी और इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 15 दिसंबर की दोपहर 2 बजकर 31 मिनट पर होगा। ऐसे में पंचांग को देखते हुए इस साल की आखिरी पूर्णिमा 15 दिसंबर के दिन मनाई जाएगी। 

आखिरी पूर्णिमा का महत्व

पूर्णिमा का महत्व हिन्दू धर्म में बहुत अधिक है। इस दिन विशेष रूप से ध्यान और साधना का महत्व है। खासकर इस साल की आखिरी पूर्णिमा, 15 दिसंबर, को विशेष रूप से एक नए सिरे से शुरुआत करने का दिन माना जाता है। इसे "धनतेरस" से भी जोड़कर देखा जाता है, जब लोग अपने पुराने कर्ज़ से मुक्त होने के लिए व्रत रखते हैं। इसी दिन लोग पवित्र नदी में स्नान करने, मंदिरों में दर्शन करने और दीप जलाने की परंपरा निभाते हैं।

इस दिन विशेष रूप से "चंद्र दर्शन" की भी परंपरा है, जहाँ लोग चाँद की पूजा करते हैं और उसे देखकर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इससे मानसिक शांति मिलती है और जीवन की नकारात्मकता दूर होती है। खासकर गृहस्थ जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

क्या करें पूर्णिमा पर?

स्नान और दान – इस दिन नदियों में स्नान करके ताजगी का अनुभव किया जाता है। साथ ही, गरीबों को भोजन या वस्त्र दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
पूजा और व्रत – घर में दीप जलाना और चाँद की पूजा करना इस दिन का अहम हिस्सा होता है।
ध्यान और साधना – पूर्णिमा के दिन ध्यान और साधना करने से मानसिक शांति मिलती है और अच्छे विचारों का संचार होता है।
आध्यात्मिक उन्नति – इस दिन को आत्मा की उन्नति और भौतिक जीवन में सुधार के लिए भी देखा जाता है।


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