बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का सिलसिला अभी भी जारी है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने स्वीकार किया है कि शेख हसीना के शासन के बाद से देश में हिंदू समुदाय पर 88 बार हमले हो चुके हैं। इस स्थिति को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है और केंद्र सरकार से ठोस कदम उठाने की अपील की है।
RSS ने जताई चिंता, केंद्र से कार्रवाई की मांग
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख, सुनील आंबेकर ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा पर गंभीर चिंता जताई। नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, "बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है, उससे हर हिंदू को आक्रोशित होना चाहिए।" यह कार्यक्रम 'सकल हिंदू समाज' के तत्त्वाधान में आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू, बौद्ध, जैन और अन्य समुदायों के खिलाफ हो रहे हमलों की निंदा करना था।
आंबेकर ने आगे कहा कि हिंदू धर्मस्थलों को जलाया जा रहा है, लूटा जा रहा है और महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं। उन्होंने इस हिंसा को लेकर केवल निंदा करने को अपर्याप्त बताते हुए कहा, "हमें गुस्से और दुख से आगे बढ़कर ठोस कदम उठाने होंगे।"
बांग्लादेश सरकार ने हिंसा की घटनाओं को स्वीकार किया
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने मंगलवार को यह स्वीकार किया कि शेख हसीना सरकार के गिरने के बाद से देश में अल्पसंख्यक समुदायों, विशेषकर हिंदुओं के खिलाफ 88 हिंसक घटनाएं हुई हैं। सरकार के प्रवक्ता शफीकुल आलम ने बताया कि इन घटनाओं में 70 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 5 अगस्त से 22 अक्टूबर तक कुल 88 मामले दर्ज किए गए हैं, और यह संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि कई अन्य क्षेत्रों में भी हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं।
हिंसा के खिलाफ कार्रवाई की जरूरत
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा का यह सिलसिला तब से बढ़ा है जब से शेख हसीना की सरकार का पतन हुआ है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान न केवल हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया गया, बल्कि हिंदू महिलाओं पर भी हिंसा की गई। बांग्लादेश सरकार ने हिंसा की बढ़ती घटनाओं को लेकर जांच तेज करने और आरोपियों को पकड़ने का आश्वासन दिया है, लेकिन अब भी स्थिति नियंत्रण से बाहर होती जा रही है। इस बीच, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भारतीय सरकार से यह सुनिश्चित करने की अपील की है कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई की जाए।