यूपी के हरिगढ़ स्थित अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में पढ़ाई कर रहे बांग्लादेशी छात्रों ने हाल ही में सोशल मीडिया पर कुछ विवादित पोस्ट डाले हैं, जिनमें उन्होंने ISKCON (इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कांशियसनेस) को एक चरमपंथी संगठन के रूप में प्रस्तुत किया है। इसके अलावा, भारतीय महिलाओं के बारे में भी अपमानजनक और अभद्र टिप्पणियां की गई हैं। इस पर एएमयू के हिंदू छात्रों ने कड़ा विरोध जताया और इन छात्रों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।
हिंदू छात्रों का विरोध और कार्रवाई की मांग
AMU के कुछ हिंदू छात्रों, जिनमें अखिल कौशल, हितेश मेवाड़ा, पुनीत, पियूष, रोहित और अन्य शामिल हैं, ने मंगलवार की रात विश्वविद्यालय के प्राक्टर से इस मामले में लिखित शिकायत की। इन छात्रों का आरोप है कि एक बांग्लादेशी छात्र सोशल मीडिया पर इस्कॉन को चरमपंथी संगठन बताकर उसके खिलाफ प्रचार कर रहा है, जबकि दो अन्य छात्रों ने भारतीय महिलाओं के बारे में अश्लील और अमर्यादित टिप्पणी की है
बांग्लादेशी छात्रों की टिप्पणी
शिकायतकर्ता छात्रों ने यह भी बताया कि एक बांग्लादेशी छात्र ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाला, जिसमें उत्तर प्रदेश में गाय के गोबर खाने को लेकर एक विवादित टिप्पणी की गई। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि इस प्रकार के लोग भारत-बांग्लादेश के संबंधों के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं, और ऐसे व्यक्तियों से बांग्लादेशी सरकार को कोई संवाद नहीं करना चाहिए। हिंदू छात्र नेताओं का आरोप है कि ये तीनों छात्र बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों का समर्थन करते हैं और इसके लिए भी जिम्मेदार हैं।
AMU प्रशासन से कार्रवाई की मांग
हिंदू छात्र नेताओं ने एएमयू प्रशासन से इन छात्रों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की अपील की है। उनका कहना है कि इन छात्रों को तुरंत निलंबित किया जाए और बाकी बांग्लादेशी छात्रों को वापस उनके देश भेजने का भी अनुरोध किया गया है। इस पूरे मामले को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि इस मामले की गंभीरता से जांच की जाएगी और जो भी छात्र दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बांग्लादेशी छात्रों की संख्या और संदर्भ
गौरतलब है कि AMU में फिलहाल बांग्लादेश के 36 छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं। हाल के वर्षों में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के कारण बांग्लादेशी छात्रों की भारत में पढ़ाई को लेकर भी विवाद उठता रहा है। अब इस नई घटना ने एक बार फिर से इस मुद्दे को तूल दे दिया है।
प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की उम्मी
AMU के प्राक्टर ने छात्रों को भरोसा दिलाया है कि इस मामले की जांच की जाएगी और जल्द ही दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। छात्रों का कहना है कि यदि प्रशासन जल्दी कदम नहीं उठाता, तो इस प्रकार के विवाद और तनाव बढ़ सकते हैं। यह मामला न केवल एएमयू में बल्कि पूरे देश में हिंदू-मुस्लिम और भारत-बांग्लादेश संबंधों पर एक नई बहस को जन्म दे सकता है, जिसके समाधान के लिए उचित कदम उठाने की आवश्यकता होगी।