धर्म योद्धा श्री सुरेश चव्हाणके जी हाल ही में महाराष्ट्र के दौरें पर थे. उन्होंने घुसपैठिया मुक्त महाराष्ट्र एक बड़ी मुहिम छेड़ रखी है. दरअसल, इस मुहिम का अब असर दिखने लगा है. देशभर के अलग-अलग राज्य में अवैध रूप से रहने वाले कई बांग्लादेशी और रोहिंग्या को पुलिस ने गिरफ्तार करना शुरू कर दिया है. वहीं, अब राजधानी दिल्ली के कालिंदी कुंज में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों की पुलिस नें आधार कार्ड और दस्तावेजों की जांच की है.
इससे पहले दिल्ली के उपराज्यपाल कार्यालय ने राष्ट्रीय राजधानी में रह रहे अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया था. इसके तहत एक विशेष अभियान चलाने की योजना बनाई गई थी, जो दो महीने तक चलेगा. इस अभियान में अवैध रूप से दिल्ली में रहने वाले बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान करके उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
राज्यपाल कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुस्लिम समुदाय की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए इस अभियान की शुरुआत की गई है. इसमें अवैध घुसपैठियों के खिलाफ समयबद्ध और सख्त कदम उठाए जाएंगे. साथ ही, उपराज्यपाल कार्यालय को इस अभियान के बारे में साप्ताहिक रिपोर्ट भी भेजी जाएगी.
सुरक्षा चिंताएं और अभियान की शुरुआत
यह कदम दिल्ली में अवैध घुसपैठियों के बढ़ते प्रभाव और सुरक्षा को लेकर हो रही चिंताओं के मद्देनजर उठाया गया है. अभियान के तहत अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
ज्ञापन के बाद उठाए गए कदम
यह निर्णय शनिवार को दरगाह हजरत निजामुद्दीन और बस्ती हजरत निजामुद्दीन के उलेमाओं और मुस्लिम नेताओं के प्रतिनिधिमंडल द्वारा उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना को दिए गए ज्ञापन के बाद लिया गया. इस ज्ञापन में बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर हो रहे हमलों पर चिंता व्यक्त की गई और दिल्ली में रह रहे अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की मांग की गई थी.
मुस्लिम प्रतिनिधियों की प्रमुख मांगें
उपराज्यपाल को ज्ञापन सौंपते हुए मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल ने निम्नलिखित मांगें रखी:
1. अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को किराए पर मकान न दिया जाए, और जिन मकानों में वे रह रहे हैं, उन्हें खाली कराया जाए.
2. घुसपैठियों को किसी भी संस्थान में रोजगार न दिया जाए, और जिन संस्थानों में वे काम कर रहे हैं, उन्हें तुरंत काम से निकाला जाए.
3. घुसपैठियों के बच्चों को सरकारी या निजी स्कूलों में प्रवेश न दिया जाए.
4. दिल्लीवासियों से अपील की जाए कि यदि उनके इलाके में कोई अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिया रहता है, तो इसकी जानकारी पुलिस को दी जाए.
5. एमसीडी और दिल्ली पुलिस को निर्देश दिए जाएं कि वे सड़कों, फुटपाथों, पार्कों और सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण करके रहने वाले घुसपैठियों को हटाएं.
दिल्ली में अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ यह विशेष अभियान सुरक्षा और कानून व्यवस्था को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.