मध्य प्रदेश के निमाड़ क्षेत्र के प्रसिद्ध संत सियाराम बाबा का बुधवार की सुबह निधन हो गया। वह 110 वर्ष के थे और लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। उनका निधन उनके अनुयायियों और भक्तों के लिए अपूरणीय क्षति है। सियाराम बाबा का आश्रम खरगोन जिले के तेली भट्यान में नर्मदा नदी के किनारे स्थित था, जहां वह पिछले 70 वर्षों से रह रहे थे।
अनुयायियों का श्रद्धा सुमन अर्पित करने का सिलसिला
सियाराम बाबा के निधन की खबर फैलते ही उनके लाखों अनुयायी आश्रम पहुंचने लगे। राज्य सरकार की ओर से उनके उपचार के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी, लेकिन उनका निधन देश भर में उनके भक्तों के लिए शोक का कारण बन गया। बाबा के अनुयायी उनके आशीर्वाद और teachings के प्रति गहरी श्रद्धा रखते थे। आश्रम में उनकी पूजा-अर्चना की जाती थी और उनके निधन के बाद श्रद्धांजलि देने के लिए भक्तों का तांता लग गया है।
CM मोहन यादव का शोक संदेश
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सियाराम बाबा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, "सियाराम बाबा का निधन न केवल निमाड़ क्षेत्र, बल्कि सम्पूर्ण मध्य प्रदेश के लिए एक बड़ी क्षति है। बाबा ने अपनी पूरी जिंदगी धर्म साधना और मां नर्मदा की सेवा में समर्पित की। उनके दर्शन से अनेक श्रद्धालुओं को मार्गदर्शन मिला। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि बाबा की पुण्य आत्मा को श्रीराम के चरणों में स्थान मिले और उनके अनुयायियों को इस दुख को सहन करने की शक्ति दे।"
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव का शोक
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने भी सियाराम बाबा के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "निमाड़ के महान संत सियाराम बाबा का निधन हम सभी के लिए गहरा आघात है। बाबा का जीवन भक्ति और साधना से ओत-प्रोत था। उनकी शिक्षाएं और आशीर्वाद हमें हमेशा प्रेरित करते रहेंगे। उनका स्मरण हमेशा हमारे दिलों में रहेगा और वह हम सबका मार्गदर्शन करते रहेंगे।"
आश्रम में श्रद्धांजलि का दौर
सियाराम बाबा के निधन के बाद आश्रम में श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा हुआ है। उनके अनुयायी इस दुःख की घड़ी में एक-दूसरे को सांत्वना दे रहे हैं। सियाराम बाबा का जीवन उन सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत था, जो साधना और भक्ति के मार्ग पर चलने की इच्छाशक्ति रखते थे।