पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने आज यानी बुधवार को नोएडा स्थित कैलाश अस्पताल के सेक्टर 27 में आयोजित एक कार्यक्रम में भारत की विज्ञान और प्रौद्योगिकी में 2014-2025 के दौरान हुई महत्वपूर्ण प्रगति पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किए गए तकनीकी और वैज्ञानिक नवाचारों का उल्लेख किया।
कार्यक्रम में डॉ. महेश शर्मा ने भारतीय विज्ञान संस्थाओं की प्रमुख योजनाओं और उनके योगदान के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने CSIR (Council of Scientific and Industrial Research) और DST (Department of Science and Technology) की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला, जिनसे देश की तकनीकी प्रगति को नया आयाम मिला है।
CSIR की प्रमुख योजनाएं और उपलब्धियां (2014-2024)
1. CSIR एरोमा मिशन और फ्लोरीकल्चर मिशन
2. गांव का पानी गांव में मिशन
3. स्वदेशी बायो-जेट ईंधन तकनीक
4. कोविड-19 महामारी में CSIR का योगदान
5. स्वदेशी E-ट्रैक्टर और E-टिलर
6. स्वच्छता अभियान में CSIR का योगदान
7. स्ट्रेटेजिक तकनीकी विकास और राष्ट्रीय मिशन
DST की प्रमुख योजनाएं और उपलब्धियां
1. नेशनल क्वांटम मिशन
2. राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन
3. महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने वाली योजनाएं
4. COVID-19 के खिलाफ DST का योगदान
5. INSPIRE और NIDHI जैसे नवाचार और उद्यमिता विकास कार्यक्रम
भारत का परमाणु ऊर्जा और स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम
भारत ने परमाणु ऊर्जा और स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इनमें प्रमुख हैं:
- कुडनकुलम और काक्रापार परमाणु ऊर्जा संयंत्र
- ASHVINI का शुभारंभ
- रेडियोफार्मास्युटिकल उत्पादों का विकास और TMC अस्पतालों का विस्तार
भारत ने परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत किया है, जबकि स्वास्थ्य देखभाल में उन्नत प्रौद्योगिकियों और शोध के माध्यम से चिकित्सा क्षेत्र में क्रांति लाई है।
भारत की जैव प्रौद्योगिकी पहलें और उपलब्धियां (2024)
भारत ने जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जैसे:
- BioE3 और Bio-RIDE नीतियों की स्वीकृति
- भारत के पहले जैव निर्माण संस्थान का उद्घाटन
- CERVAVAC, भारत का पहला HPV वैक्सीन
- COVID-19 के खिलाफ INSACOG की निगरानी और टीकों का विकास
भारत के अंतरिक्ष विभाग (DoS) की उपलब्धियां (2014-2024)
भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम भी हाल के वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति कर चुका है, जिनमें प्रमुख उपलब्धियां शामिल हैं:
- भारत का मंगल मिशन (2014)
- GSLV MK-III का सफल परीक्षण (2017)
- चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 मिशन (2019 और 2023)
- आदित्य-L1 मिशन का सफल प्रक्षेपण (2023)
इन उपलब्धियों ने भारत को अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है।
भारत का अंतरिक्ष दृष्टिकोण 2047
भारत के अंतरिक्ष विभाग ने 2047 तक के लिए अपने प्रमुख मिशनों की घोषणा की है, जिनमें शामिल हैं:
- गगनयान फॉलो-ऑन मिशन
- चंद्रयान-4 मिशन
- शुक्र ग्रह पर मिशन (वीनस ऑर्बिटर मिशन)
- नई पीढ़ी के लॉन्च वाहनों का विकास
भारत ने पिछले कुछ दशकों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कई महत्त्वपूर्ण मील के पत्थर तय किए हैं। डॉ. महेश शर्मा के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की वैज्ञानिक, तकनीकी और नवाचार योजनाओं ने न केवल देश को वैश्विक मंच पर मजबूती से स्थापित किया, बल्कि इन पहलों से देश के विकास में भी अहम योगदान दिया है।