भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में लगातार अपनी सफलता की नई ऊँचाइयाँ छू रहा है और आने वाले वर्षों में कई महत्वाकांक्षी योजनाओं को लेकर तैयार है। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिससे भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को और मजबूती मिलेगी।
2035 तक भारत का अपना अंतरिक्ष स्टेशन
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने दिल्ली में आयोजित एक प्रेस वार्ता में यह ऐलान किया कि भारत 2035 तक अपना अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करेगा। इसे भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (IIS) के नाम से जाना जाएगा। यह मिशन भारत के बढ़ते अंतरराष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी नेतृत्व को दर्शाता है।
चंद्रमा पर भारतीय अंतरिक्ष यात्री
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि 2040 तक भारत का एक अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा पर कदम रखेगा। यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य भारतीय अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक नई क्रांति लाने की दिशा में एक अहम कदम है। यह योजना भारत के अंतरिक्ष मिशनों के प्रति बढ़ती प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
गगनयान मिशन: भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान
भारत अपने पहले मानव अंतरिक्ष मिशन, गगनयान के लिए भी तैयार हो रहा है, जिसके तहत एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। यह मिशन भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक ऐतिहासिक कदम होगा और भारत को मानव अंतरिक्ष उड़ान वाले देशों में शामिल कर देगा। यह मिशन 2024 के अंत या 2026 की शुरुआत में होने की उम्मीद है।
समुद्र की गहराई में भारत का कदम
अंतरिक्ष में सफलता के साथ-साथ भारत महासागर के गहरे क्षेत्रों का भी अन्वेषण करने में जुटा है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि भारत का 'डीप सी मिशन' 6,000 मीटर गहरे समुद्र तल का अन्वेषण करने के लिए एक मानव को भेजने की योजना बना रहा है। यह भारत के लिए एक नया और चुनौतीपूर्ण कदम होगा, जो समुद्र के संसाधनों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी जुटाने में मदद करेगा। इस मिशन से वैज्ञानिक शोध और समुद्री अन्वेषण की दिशा में भारत की क्षमताओं को मजबूती मिलेगी।
भारत के ये कदम अंतरिक्ष और समुद्र के क्षेत्रों में अपनी प्रौद्योगिकियों को नया आयाम देंगे और देश को वैश्विक स्तर पर और भी मजबूत स्थिति में ला खड़ा करेंगे।