प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में संविधान पर चर्चा कर रहे है। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि, चर्चा में शामिल होने वाले सांसदों का आभार। "75 साल की उपलब्धि आसान नहीं है। संविधान निर्माता ये नहीं मानते थे कि भारत का जन्म 1947 में आया। भारत आज मदर ऑफ डेमेक्रेसी के रूप में जाना जाता है।"
हमने वन नेशन वन हेल्थ कार्ड तय किया- PM मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय एकता के मंत्र को जीने वाले हम लोगों ने वन नेशन वन कार्ड, वन नेशन वन हेल्थ कार्ड का निर्णय लिया है। देश में कई बार ऐसा हुआ जब एक हिस्से में तो बिजली थी, लेकिन दूसरे हिस्से में सप्लाई नहीं थी, अंधेरा था। हमने वो दिन देखे हैं। आज बिजली का प्रभाव देश के कोने-कोने तक पहुंचाया जा सकता है। इन्फ्रास्ट्रक्चर में भी भेदभाव की बू आती रही है।
पीएम ने की वन नेशन, वन ग्रिड और डिजिटल समानता की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक समय ऐसा था जब देश के एक हिस्से में बिजली होती थी लेकिन सप्लाई नहीं हो पाती थी। वन नेशन, वन ग्रिड ने इस समस्या को दूर करते हुए पूरे देश में बिजली आपूर्ति को सुचारू और प्रभावी बनाया. प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी ने देश की आर्थिक एकता को मजबूत किया है। इससे भारत में एक साझा बाजार का निर्माण हुआ है, जिससे व्यापार और उद्योग को नई गति मिली है। डिजिटल क्षेत्र में समानता पर बल देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज का युग बदल चुका है। हम नहीं चाहते कि डिजिटल क्षेत्र में "हैव्स और हैव्स नॉट्स" (विभाजित समाज) की स्थिति बने। डिजिटल क्रांति के माध्यम से हर व्यक्ति को समान अवसर देने का प्रयास किया जा रहा है।
'विविधता में एकता' में भी विरोधाभास ही नजर आया- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में भारत की एकता और अखंडता पर जोर देते हुए कहा कि संकल्प से सिद्धि तक पहुंचने के लिए सबसे बड़ी आवश्यकता भारत की एकता है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश की एकता पर विकृत मानसिकता और स्वार्थ की राजनीति के कारण गंभीर प्रहार किए गए। पीएम मोदी ने कहा, "हमारी संस्कृति और परंपरा में विविधता को सेलिब्रेट करने की परंपरा है, लेकिन गुलामी की मानसिकता में पले-बढ़े लोगों ने हमेशा विविधता में विरोधाभास खोजने की कोशिश की।" प्रधानमंत्री ने कहा, "आजादी के बाद विकृत मानसिकता या स्वार्थ के चलते सबसे बड़ा प्रहार देश की एकता और अखंडता पर हुआ।" उन्होंने यह भी कहा कि देश को इन चुनौतियों से उबरने और एकजुट रहने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि देश की प्रगति और विकास की कुंजी उसकी एकता में निहित है। उन्होंने कहा कि जब देश एकजुट होकर काम करता है, तो हर चुनौती को अवसर में बदला जा सकता है।