प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संविधान के महत्व पर चर्चा करते हुए गांधी परिवार पर तीखा हमला बोला। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के नेताओं, विशेष रूप से पंडित नेहरू से लेकर राहुल गांधी तक को निशाने पर लिया। आपातकाल का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भारत संविधान की 25वीं वर्षगांठ मना रहा था, तब लोकतंत्र का गला घोंट दिया गया था और संविधान को पूरी तरह से नकारा गया था।
पीएम मोदी ने कहा, "कांग्रेस के माथे पर यह जो कलंक है, वह कभी नहीं मिटेगा", उनका यह बयान कांग्रेस द्वारा संविधान के उल्लंघन और आपातकाल की कड़ी आलोचना करते हुए दिया गया।
कांग्रेस ने संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "जब भारत संविधान की 25वीं वर्षगांठ मना रहा था, उस समय संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही थीं। आपातकाल की घोषणा की गई, संवैधानिक प्रावधानों को निलंबित किया गया, नागरिकों के अधिकारों को छीना गया, और प्रेस की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया गया।" प्रधानमंत्री ने इस संदर्भ में कांग्रेस के शासनकाल को दोषी ठहराते हुए कहा कि यह इतिहास का एक काला अध्याय था।
गांधी परिवार पर निशाना: 'देश को जानने का अधिकार है'
प्रधानमंत्री ने गांधी परिवार का नाम लेते हुए कहा, "कांग्रेस के एक परिवार ने संविधान को तोड़ने और देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस परिवार ने 75 वर्षों तक देश पर राज किया और देश को यह जानने का पूरा अधिकार है कि इस दौरान क्या कुछ हुआ।" मोदी ने यह भी कहा कि गांधी परिवार का शासन देश के लिए कई तरह से हानिकारक साबित हुआ और इसके प्रभाव को नकारा नहीं जा सकता।
संविधान की अहमियत पर प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी
PM मोदी ने संविधान को भारतीय लोकतंत्र की आधारशिला बताते हुए कहा कि यह हमारे अधिकारों की सुरक्षा करता है। उन्होंने यह भी कहा कि संविधान के प्रति सम्मान और इसकी रक्षा करना हर भारतीय का कर्तव्य है। प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान कांग्रेस के इतिहास में उन घटनाओं की याद दिलाने वाला था, जो भारतीय लोकतंत्र और संविधान की मूल भावना के खिलाफ थीं।