26 जनवरी 2018 को उत्तर प्रदेश के कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान हुई हिंसा में चंदन गुप्ता की हत्या हो गई थी। इस घटना के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जांच शुरू की और अब आठ साल बाद इस मामले में अदालत ने अपना फैसला सुनाया है। लखनऊ स्थित एनआईए की विशेष कोर्ट ने गुरुवार, 2 जनवरी को 28 आरोपियों को दोषी ठहराया था, जबकि 3 जनवरी को इन दोषियों को उम्रभर की सजा सुनाई गई है।
कोर्ट ने दिया सजा का फैसला
एनआईए की विशेष कोर्ट ने सभी 28 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इन दोषियों को कासगंज हिंसा में शामिल होने और चंदन की हत्या करने का दोषी पाया गया। मामले में आरोपियों ने हाईकोर्ट में एनआईए कोर्ट के आदेशों पर रोक लगाने की याचिका डाली थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। इसके बाद कोर्ट ने सजा का ऐलान 3 जनवरी को किया।
कासगंज हिंसा का इतिहास
यह घटना जनवरी 2018 की है जब कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में चंदन गुप्ता की जान चली गई थी, जिसके बाद चंदन के पिता ने कासगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में 20 नामजद आरोपियों समेत अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी।
सजा पाने वाले दोषियों के नाम
लखनऊ और कासगंज की जेलों में बंद 28 दोषियों को कोर्ट ने सजा सुनाई है। इन दोषियों में वसीम जावेद, नसीम जावेद, मोहम्मद जाहिद कुरैशी, आसिफ कुरेशी, असलम कुरैशी, तौफीक, सलमान, मोहसिन, साकिब और अन्य शामिल हैं। इनमें से कई दोषी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में उपस्थित हुए थे।
चंदन के पिता का बयान
कोर्ट के फैसले के बाद चंदन के पिता ने खुशी जाहिर की और न्यायपालिका के प्रति अपना आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि "न्याय से हम संतुष्ट हैं। न्यायालय और वकील ने हमारी पूरी मदद की और हमारा विश्वास बनाए रखा। हम सभी को नमन करते हैं जिन्होंने हमें न्याय दिलाया।"