26 जनवरी 2018 को उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में हुई एक घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया था। गणतंत्र दिवस के मौके पर तिरंगा यात्रा के दौरान गली शिवालय निवासी चंदन गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई। आरोप था कि हत्या जिहादियों ने की। इस घटना के बाद नगर में कई दिनों तक हिंसा, आगजनी और तनाव का माहौल रहा।
लखनऊ की अदालत ने गुरुवार को इस मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया। 28 लोगों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा दी गई, जबकि दो आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। फैसले के बाद चंदन के परिवार ने भावनात्मक प्रतिक्रिया दी।
परिवार की प्रतिक्रिया
चंदन की मां संगीता ने कहा कि उन्हें न्याय मिला, लेकिन दिल में अब भी कसक है। उनका मानना है कि जिन लोगों ने उनके बेटे की जान ली, उन्हें फांसी की सजा होनी चाहिए थी। वहीं, पिता ने अदालत के फैसले पर संतोष व्यक्त किया।
एक देशभक्त बेटा
फैसले के बाद चंदन की मां ने घर की छत पर तिरंगा लहराया। यह उनके बेटे की देशभक्ति और बलिदान का प्रतीक था। चंदन के पिता सुशील गुप्ता ने बताया कि उनका बेटा देशभक्त था। वह हर 15 अगस्त और 26 जनवरी को झंडा अपने चेहरे पर पेंट करवाता और दोस्तों के साथ तिरंगा यात्रा निकालता था। वर्ष 2018 में, चंदन और उसके दोस्तों ने तय किया कि इस बार यात्रा मुस्लिम बस्ती से होकर भी जाएगी। यह निर्णय उसकी जिंदगी का आखिरी साबित हुआ।
घटना का दुखद मोड़
26 जनवरी की सुबह चंदन अपने बड़े तिरंगे के साथ बाइक पर निकला। लेकिन राजकीय कन्या विद्यालय के पास उसे गोली मार दी गई। इस दुखद घटना ने पूरे परिवार को सदमे में डाल दिया।
न्याय के लिए संघर्ष
चंदन के परिवार ने न्याय के लिए हर संभव प्रयास किया। बड़े भाई विवेक ने अपनी नौकरी तक छोड़ दी। परिवार ने कासगंज, एटा और लखनऊ तक अदालतों के चक्कर लगाए। हालांकि, इस दौरान कई मुश्किलें आईं, लेकिन उनका विश्वास न्यायपालिका और भगवान पर बना रहा।