रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने 16–17 अप्रैल, 2025 के दौरान लंदन की दो दिवसीय यात्रा पूरी की, जहां उन्होंने भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच वार्षिक द्विपक्षीय रक्षा संवाद के लिए एक उच्च स्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। इस दौरान उन्होंने यूनाइटेड किंगडम के रक्षा मामलों के परमानेंट अंडर सेक्रेटरी डेविड विलियम्स के साथ 24वीं भारत-यूके रक्षा सलाहकार समूह बैठक की संयुक्त अध्यक्षता की।
दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय और वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य की समीक्षा की और रक्षा संबंधों को गहरा करने की अपनी साझा प्रतिबद्धता को दोहराया। यह चर्चा 2021 में घोषित समग्र रणनीतिक साझेदारी और 2030 रोडमैप की पृष्ठभूमि में हुई, जो दोनों देशों के बीच सहयोग को दिशा प्रदान करता है। रक्षा सचिव ने यूनाइटेड किंगडम के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जोनाथन पॉवेल से भी मुलाकात की, जहां त्रि-सेवा सैन्य सहयोग को बढ़ाने और दोनों देशों की रक्षा उद्योगों के बीच सहयोग को सशक्त बनाने पर चर्चा हुई।
यूके इंडिया बिजनेस काउंसिल द्वारा आयोजित भारत-यूके रक्षा उद्योग राउंडटेबल को संबोधित करते हुए राजेश कुमार सिंह ने नौसैनिक प्रणालियों, ड्रोन, निगरानी, रक्षा अंतरिक्ष और विमानन जैसे प्रमुख रक्षा क्षेत्रों में भारतीय स्टार्टअप्स की बढ़ती क्षमताओं को उजागर किया। उन्होंने यूके की कंपनियों को इन नवोन्मेषी और तेज़ी से विकसित हो रहे स्टार्टअप्स के साथ साझेदारी की संभावनाओं का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित किया, और यह भी बताया कि ये कंपनियां किफायती और अत्याधुनिक समाधान प्रदान करने में सक्षम हैं।
रक्षा सचिव ने यह भी कहा कि भारत, यूके के रक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर एक औद्योगिक सहयोग रोडमैप तैयार करने पर कार्य कर रहा है, जो भविष्य में उद्योग आधारित सहयोग का मार्गदर्शन करेगा। उन्होंने यूके की कंपनियों को उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में स्थापित भारत के समर्पित रक्षा गलियारों में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया, जहां वे राज्य-स्तरीय प्रोत्साहनों और तेजी से विकसित हो रहे रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र का लाभ उठा सकते हैं।