डॉ. ऋतु शर्मा एक ऐसा नाम जो समाजसेवा, प्रेरक वक्तृत्व, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और राष्ट्रहित में समर्पित कार्यों का पर्याय बन चुका है। एक फौजी परिवार में जन्मी और भारतीय सेना के एक अधिकारी की पत्नी होने के नाते, उन्होंने अपने जीवन को देशसेवा के एक बड़े उद्देश्य के साथ जोड़ा है। उनके व्यक्तित्व के कई पहलू हैं लेखक, वक्ता, प्रशिक्षक, डॉक्टर, ब्लॉगर, शोधकर्ता, मार्गदर्शक और कोच, सभी रूपों में वे एक प्रेरणा बनकर उभरी हैं।
लगभग 30 वर्षों से सामाजिक सरोकारों से जुड़ी हुई ऋतु शर्मा ने अनेक सामाजिक अभियानों की अगुवाई की है। कोविड महामारी के दौरान उनके अभियानों को नई दिशा और ऊर्जा मिली, जब उन्होंने आमजन को जागरूक और आत्मनिर्भर बनाने के लिए सौ से अधिक ऑन-लाइन और ऑफलाइन सेशंस का आयोजन किया।
उन्होंने हाल ही में असम के जोरहाट और आस-पास के क्षेत्रों में सैनिकों और उनके परिवारों के लिए विशेष ‘सूचना सत्र’ आयोजित किए, जिनका उद्देश्य था सेवा के दौरान, सेवानिवृत्ति के बाद और वीरगति के उपरांत मिलने वाली सुविधाओं और अधिकारों की जानकारी देना। उनके प्रयासों से कई परिवारों को पेंशन, भत्तों, ईसीएचएस सुविधाएं, हाउसिंग योजनाएं और वेलफेयर ग्रांट्स की समझ मिली।
‘आर्मी वुमन’ को समर्पित संवाद
अपने संवादों के दौरान डॉ. ऋतु विशेष रूप से ‘आर्मी वुमन’ को जागरूक करने पर ध्यान देती हैं। वे उन्हें ‘After Me Folder’ तैयार करने की सलाह देती हैं, जिससे किसी भी आकस्मिक स्थिति में परिवार आसानी से वित्तीय और व्यक्तिगत दस्तावेज़ों को संभाल सके। पेंशन, एजुकेशनल स्कॉलरशिप, मृत्यु पर मिलने वाली सहायता और अन्य हक़दारी से जुड़े विषयों पर वे विस्तार से जानकारी देती हैं।
उनकी निरंतर सहायता और मार्गदर्शन के चलते सैकड़ों आर्मी परिवारों को उनके रुके हुए भत्ते, पेंशन और अन्य लाभ मिले हैं, जिनकी कुल राशि ₹32 करोड़ से अधिक है — यह एक बड़ी उपलब्धि है।
सम्मान -पुरस्कारों की प्राप्ति
डॉ. ऋतु शर्मा को उनके अतुलनीय योगदान के लिए कई सम्मान प्राप्त हो चुके हैं।
‘द ग्रेट इंडियन समिट एंड अवॉर्ड्स’ द्वारा उन्हें 2025 की आइकॉनिक मोटिवेशनल स्पीकर चुना गया।
‘शी स्प्लैश’ संस्था ने उन्हें प्रेरणादायक महिला उद्यमी और विजनरी के रूप में मान्यता दी।
आगामी ‘मिस एंड मिसेज उत्तर प्रदेश 2025’ में उन्हें रोल मॉडल के रूप में आमंत्रित किया गया है।
अभियान अभी जारी
आज भी, डॉ. ऋतु शर्मा बिना थके समाज के उत्थान के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। सूचना के ज़रिए बदलाव लाने और आत्मनिर्भरता की अलख जगाने में उनका योगदान एक मिसाल बन गया है। उनका यह अभियान न केवल प्रेरणा देता है, बल्कि भारत के राष्ट्र निर्माण में एक मजबूत स्तंभ के रूप में अपनी पहचान बना चुका है।