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मोहम्मद तस्लीम ने पिस्तौल के दम पर रिता को किया अगवा, 'फिजा खातून' बनाकर रचाया निकाह; झारखंड में प्रशासन की लापरवाही से भड़का हिंदुओं का आक्रोश

झारखंड में लव जिहाद का खुला षड्यंत्र: हिंदू बेटी का अपहरण, 24 घंटे के भीतर धर्म परिवर्तन और निकाह

Ravi Rohan
  • Apr 28 2025 2:52PM

झारखंड का सरायकेला-खरसावां जिला इन दिनों विवादों की लपटों में घिरा है। झिमडी गांव से सामने आया मामला सीधे-सीधे 'लव जिहाद' की नापाक साजिश को उजागर करता है। 19 वर्षीय रीता के अपहरण में पकड़े गए मोहम्मद तस्लीम आलम और उसके परिवार की करतूत अब लोगों के सामने आ चुकी है। मामला शनिवार (27 अप्रैल 2025) का है। स्थानीय लोग इस घटना को लव जिहाद की सुनियोजित साजिश बता रहे हैं और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। लेकिन गांव में तनाव अब भी बरकरार है और हिंदू समाज में इस घटना को लेकर आक्रोश फूटा पड़ा है।

गांव के ही मोहम्मद तस्लीम के घरवालों द्वारा वायरल कराए गए एकरारनामे में सनसनीखेज खुलासा हुआ है- रिता महतो का जबरन इस्लाम में धर्मांतरण कराया गया और फिर जल्दबाज़ी में निकाह भी करवा दिया गया। गांव के ही मोहम्मद तस्लीम नामक युवक पर आरोप है कि वह हथियार के साथ हिंदू परिवार के घर में घुसा और जान से मारने की धमकी देते हुए एक नाबालिग लड़की को जबरन अगवा कर ले गया।

पीड़िता के परिवार ने आरोप लगाया है कि पुलिस को सूचना देने के बावजूद उचित कार्रवाई नहीं की गई, जिससे ग्रामीणों का गुस्सा भड़क उठा। देखते ही देखते पूरा इलाका उग्र हो गया और बाजारों में तोड़फोड़ व आगजनी शुरू हो गई। हालात को काबू में करने के लिए पुलिस को भारी संख्या में बल तैनात करना पड़ा, वहीं प्रशासन ने क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी।

नीमडीह थाना क्षेत्र की रहने वाली रिता महतो ने 18 मार्च 2025 को पश्चिम बंगाल के आसनसोल कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर इस्लाम अपनाने की घोषणा की थी। हैरानी की बात यह है कि मात्र एक दिन बाद यानी 19 मार्च को ही मुस्लिम विवाह एवं तलाक रजिस्ट्रार कार्यालय, इलामबाजार में उसका निकाह रजिस्टर कर दिया गया। इस्लाम कबूलने के बाद रिता ने अपना नाम 'फिजा खातून' रख लिया।

इतनी तेज़ी से धर्म परिवर्तन और फिर निकाह का पूरा खेल कई गंभीर सवाल खड़े करता है। क्या यह सब कुछ युवती की "स्वेच्छा" से हुआ या इसके पीछे किसी तरह का दबाव, लालच या षड्यंत्र रचा गया? निकाह के दस्तावेजों में रिता महतो की जन्म तिथि 1 जनवरी 2006 दर्ज की गई है, जिससे उम्र को लेकर भी भारी संदेह पैदा हो गया है।

अगर यह जन्मतिथि सही है, तो विवाह के समय उसकी उम्र महज 19 वर्ष नहीं थी, जैसा प्रचारित किया जा रहा है। क्या दस्तावेजों में हेराफेरी कर निकाह वैध दिखाने की साजिश रची गई? स्थानीय हिंदू संगठनों ने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग उठाई है।

इलाके में हिंसा और आक्रोश, प्रशासन ने लगाई धारा 163

रिता महतो के अपहरण और जबरन धर्मांतरण के बाद गांव में भारी आक्रोश फूट पड़ा। गुस्साई भीड़ ने आगजनी की, पुलिस बल पर हमला किया गया, और पूरे इलाके में माहौल तनावपूर्ण बन गया। स्थिति को संभालने के लिए प्रशासन को आपातकालीन धारा 163 (पूर्व में धारा 144) लागू करनी पड़ी। फिलहाल आरोपी मोहम्मद तस्लीम आलम को गिरफ्तार कर लिया गया है और पुलिस जांच में जुटी है।



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