चाइल्ड पोर्नोग्राफी के जरिए डार्क वेब से पैसे कमाने के आरोप में लाहौर में एक गिरोह का पता चला है। कम से कम 10 पीड़ितों का यौन शोषण किया गया है जैसा कि संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) साइबर क्राइम सेल द्वारा प्रारंभिक जांच में पता चला है। लाहौर के आसपास के इलाके में एक निजी हाउसिंग सोसाइटी में रहने वाले छोटे बच्चों को पैसे या अन्य तरीकों से लुभाते थे, उसके साथ बलात्कार करते थे और पूरी घटना को फिल्माते थे।
इसके बाद संदिग्ध व्यक्ति पीड़िता को पैसे देने के लिए ब्लैकमेल करता था और बार-बार यौन शोषण के लिए मजबूर करता था। इसका विरोध करने पर आरोपी उसे इंटरनेट पर वीडियो वायरल करने की धमकी देते थे।
FIA ने अपनी प्रारंभिक जाँच में पाया है कि इस गिरोह के सदस्यों ने कम-से-कम 10 बच्चों का यौन शोषण किया और उसका वीडियो बनाया और फिर उस वीडियो को बेचकर पैसे कमाए। ये संदिग्ध अपराधी पंजाब की राजधानी लाहौर के बाहरी इलाके के एक निजी हाउसिंग सोसाइटी में रहते थे और उन्हें पैसा तथा अन्य तरह का लालच देकर उनके साथ बलात्कार करते थे।
इस दौरान पूरी घटना का वीडियो रिकॉर्डिंग करते थे।इस मामले में FIA को एक शिकायत मिली थी, जिसमें इस गिरोह द्वारा बच्चों के शोषण के बारे में बताया गया था। घटना की जानकारी मिलते ही संस्था के लाहौर स्थित साइबर विंग को सतर्क कर दिया गया था।
शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि इन लोगों ने उसके बेटे को भी शिकार बनाया था। 15 फरवरी 2022 को आरोपितों ने पीड़ित बच्चे को उसके घर के ऊपरी हिस्से में ले जाकर उसका यौन शोषण किया और फिर उसका वीडियो भी रिकॉर्ड किया।
उसके बाद अर्सलान ने उस वीडियो को व्हाट्सऐप के जरिए अपने दोस्त आबिद को भी भेजा। पूछताछ में आबिद ने पुलिस को बताया कि अर्सलान, अम्माद, मोआज़म और तल्हा ने नाबालिग बच्चों को पैसे और कीमती उपहार का लालच देकर फँसाया और फिर उनका शोषण कर वीडियो बनाया। इन वीडियो को वे आस्मा नाम की एक महिला और कमर उर्फ डोडा नाम के उसके ड्राइवर को भेजते थे।