चीन में जीरो कोविड पॉलिसी के चलते और सरकार पर जनता का आक्रोष देखने को मिल रहा है. चीन की जनता का गुस्सा दिन पर दिन बढ़ता नज़र आ रहा है. बता दें कि चीन की जनता बीजिंग, शंघाई और वुहान जैसे बड़े शहरों की सड़को पर ऊतर चुके है. वहीं पूरे विरोध प्रदर्शन में कोरे कागज़ ने लोगों का ध्यान खीच लिया है.
बता दें कि बीते दिनों चीन के शिनजियांग की राजधानी उरुमकी में 21 मंजिला इमारत में आग लग गई थी. इस हादसे में 10 लोग जिंदा जल गए थे. वहीं नौ लोग घायल हो गए थे. जिस समय यह हादसा हुआ उस समय उरुमकी में कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन लगा हुआ था. वहीं सख्त लॉकडाउन के कारण राहत कार्य पहुंचाने में देरी हो गई, जिस कारण इतना बड़ा हादसा हो गया था.
वहीं चीन में शुरू हुए इस प्रदर्शन में कोरे कागज़ की बात समान्य थी. जनता कोरा कागज़ लेकर सड़कों पर उतर गई और चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग के इस्तीफे की मांग कर रहे है. अब यह कोरा कागज़ सरकार के लिए विरोधी प्रदर्शन का प्रतीक बन चुका है.
वहीं चीन के लोगों का कहना है कि यह प्रदर्शन प्रशासन के आगे चुनौती की तरह है. वहीं शंगाई में जारी प्रदर्शन में शामिल एक महिला ने कहा कि निश्चित रूप से कागज पर पर कुछ भी नहीं लिखा है, लेकिन हम जानते हैं उस पर क्या लिखा है.
वहीं चीन के सरकार विरोधी प्रदर्शनों की कई वीडियो वायरल हो रहे है. बता दें कि इन वीडियों में कई पुलिस अधिकारी प्रदर्शनकारियों को सरकार के खिलाफ नारे लगाने से मना कर रही है. वहीं एक प्रदर्शनकारी ने यह भी कहा कि कोरा कागज इस बात का प्रतीक है कि हम बहुत कुछ कहना चाहते हैं, लेकिन कह नहीं सकते.
चीन की सरकार के खिलाफ चल रहा जनता का कोरे कागज़ के साथ प्रदर्शन में सभी लोग सड़कों पर उतर आए है. बता दें कि इस कोरे कागज़ का प्रतीक यह कि वह बहुत कुछ कहना चाहते है लेकिन कह नहीं पा रहे है. वहीं पुलिस कर्मीयों को भी यही कहा गया कि इस कोरे कागज पर कुछ नहीं लिखा है. वहीं पुलिस ने लोगों को चीन सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने से भी मना किया है.