इनपुट- श्वेता सिंह, लखनऊ, twitter-@shwetamedia207
विश्व एकता एवं विश्व शान्ति के पुरोधा एवं भावी पीढ़ी के प्रणेता डा. जगदीश गांधी आज 22 जनवरी को तड़के लगभग 12.30 चिर निद्रा में लीन हो गये। प्रख्यात शिक्षाविद् एवं समाजसेवी डा. जगदीश गांधी ने 87 वर्ष की आयु में मेदांता हास्पिटल में अन्तिम साँस ली। डा. गांधी का निधन न सिर्फ सी.एम.एस. परिवार के लिए अपितु सम्पूर्ण शिक्षाजगत व पूरे देश के लिए अपूर्णीय क्षति है, जिसकी भरपाई संभव नहीं हैं।
डा. जगदीश गांधी का पूरा जीवन विश्व के दो अरब से अधिक बच्चों के उज्जवल भविष्य को समर्पित रहा तथापि उद्देश्य हेतु विश्व एकता व विश्व शान्ति की स्थापना हेतु डा. गांधी ने आजीवन अनवरत प्रयास किये एवं इस दिशा में अनेकों मील के पत्थर स्थापित किये। डा. गांधी के निधन पर पूरे सी.एम.एस. परिवार में शोक की लहर छा गई और चारों ओर से शोक संदेशों व संवेदनाओं का सिलसिला लगातार जारी है। इसी कड़ी में सी.एम.एस. प्रधान कार्यालय के प्रेयर हाल में आयोजित शोक सभा में सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका डा. भारती गांधी, सी.एम.एस. प्रेसीडेन्ट प्रो. गीता गांधी समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने अपनी श्रद्धान्जलि अर्पित की एवं दिवंगत आत्मा की शान्ति की कामना की। इस अवसर पर सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका डा. भारती गांधी ने कहा कि डा. गांधी प्रत्येक लखनऊवासी के दिलों में सदैव अजर अमर रहेंगे। पूरा सी.एम.एस. परिवार उनके दिखाये आदर्शों पर सतत् आगे बढ़ता रहेगा।
सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी हरि ओम शर्मा ने बताया कि डा. जगदीश गांधी को पार्थिव शरीर कल 23 जनवरी को अपरान्हः 12.30 बजे से सायं 5.00 बजे तक सी.एम.एस. गोमती नगर द्वितीय कैम्पस में रखा जायेगा, जहां जनमानस उनके अन्तिम दर्शन कर अपनी श्रद्धान्जलि अर्पित कर सकेंगे। इसी कड़ी में आगामी 4 फरवरी, रविवार को अपरान्हः 1 बजे से डा. जगदीश गांधी की स्मृति सभा में उनके व्यक्त्वि व कृतित्व को याद किया जायेगा।
आपको बता दें डा. जगदीश गांधी का जन्म 10 नवम्बर सन् 1936 को अलीगढ़ जिले की सिकन्दराराउ तहसील के ग्राम बरसौली में पटवारी श्री फूलचन्द अग्रवाल के घर में हुआ जिन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी एवं विनोबा भावे की प्रेरणा से ‘गांधी’ उपनाम रख लिया। कालान्तर में, डा. गांधी इसी उपनाम से सारे विश्व में विख्यात हुए। डा. जगदीश गांधी 1969 से 1974 तक उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य रहे। इसके अलावा डा. गांधी लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रसंध के अध्यक्ष भी रहे।
डा. जगदीश गांधी का सम्पूर्ण जीवन भावी पीढ़ी के सर्वांगीण विकास के साथ ही सम्पूर्ण विश्व में एकता व शान्ति स्थापना को समर्पित रहा। इसी उद्देश्य हेतु सन् 1959 में पाँच बच्चों से प्रारम्भ सिटी मोन्टेसरी स्कूल आज लखनऊ में अपने 21 कैम्पसों के माध्यम से 62 हजार छात्रों का सर्वांगीण विकास कर रहा है, जो कि विश्व में एक रिकार्ड है। वर्ष 2001 में सी.एम.एस. को विश्व के सबसे बड़े स्कूल के तौर पर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल किया गया था, यह रिकार्ड आज भी कायम है।
विश्व एकता एवं विश्व शान्ति के प्रयासों के तहत डा. जगदीश गांधी के संयोजकत्व में सी.एम.एस. द्वारा विगत 24 वर्षों से लगातार ‘अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन’ का आयोजन किया गया। इन अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में 138 देशों के 1429 से अधिक मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश तथा राष्ट्राध्यक्ष प्रतिभाग कर चुके हैं जिन्होंने विश्व एकता, विश्व शान्ति व विश्व के ढाई अरब बच्चों के सुरक्षित भविष्य की मुहिम को भारी समर्थन दिया।